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PALAMU:-पलामू में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया प्रकृति पर्व करमा

ढोल-मांदर की ताल और करम गीतों से गूंजा अखड़ा, कुलपति ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश | पलामू जिले में शुक्ल पक्ष भादो एकादशी पर प्रकृति पर्व करम धूमधाम से मनाया गया।

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Md Zeeshan Samar
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करमा पूजा पर मांडर की थाप पर नृत्य करते पांकी के विधायक डा मेहता Photograph: (PALAMU)

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YBN PALAMU:-

करम पूजा के लिए पलामू प्रमंडलीय छात्रगण ने जेएन दीक्षित छात्रावास, बारालोटा स्थित अखड़ा को आकर्षक ढंग से सजाया। अखड़ा के चारों ओर सरना झंडे लगाए गए थे। बुधवार के दूसरे पहर युवा नाचते-गाते करम की डाल लेकर आए, जिसका विधिपूर्वक स्वागत इंद्रदेव पाहन ने किया। पूजा स्थल पर करम डाल को स्थापित कर पूजा-अर्चना और कथा वाचन हुआ। इसके बाद अखड़ा करम गीतों, ढोल-मांदर और नगाड़े की ताल से गूंज उठा। देर रात तक पारंपरिक नृत्य और लोकगीतों का दौर चलता रहा। युवा-युवतियों ने कानों में जावा फूल खोंसकर पारंपरिक नृत्य किया और करम गीतों की मधुर धुनों पर झूमते रहे।

भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने की सीख देता है करम

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एनपीयू के कुलपति प्रो.(डा.) दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि करम पर्व पर्यावरण संरक्षण और भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाने की सीख देता है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पौधा लगाना और उसकी रक्षा करना ही पर्यावरण संतुलन का मूलमंत्र है। विशिष्ट अतिथि डा. कैलाश उरांव ने कहा कि करम पर्व आस्था और प्रकृति से गहराई से जुड़ा है। सरहुल और करम पर्व के माध्यम से हमारे पूर्वज पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया करते थे। इस मौके पर एनपीयू के डीएसडब्लू डा. एसके पांडेय, कुलसचिव डा. शैलेश मिश्रा, कुलानुशासक डा. आरके झा, वित्त पदाधिकारी डा. विमल सिंह, सीसीडीसी डा. मनोरमा सिंह, पूर्व प्राचार्य डा. महेंद्र राम समेत कई शिक्षाविद और गणमान्य उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत प्रो. बर्नार्ड टोप्पो के निर्देशन में पौधा एवं आदिवासी गमछा देकर किया गया। स्वागत भाषण डा. संगीता कुजूर ने दिया। आयोजन की सफलता में डा. संजय बाड़ा, प्रो. बर्नार्ड टोप्पो, प्रो. विकास टोपनो, प्रो. जय होनहागा, डा. बीरेंद्र कुमार, डा. मुकेश कुमार, प्रो. अनूप कुमार यादव, डा. ललिता भगत, डा. मिनी टुडू, प्रो. शालिनी मुर्मू, प्रो. सुप्रिया सोनालिका, प्रो. जयप्रकाश आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में वरिष्ठ शिक्षक-शिक्षिकाएं, विभिन्न छात्रावासों से आए छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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