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YBN PALAMU:-
हाल ही में हुए रात्रि रक्त पट संग्रह अभियान (नाइट ब्लड सर्वे) की जांच रिपोर्ट में पलामू में फाइलेरिया के 50 नए मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले में कुल फाइलेरिया मरीजों की संख्या बढ़कर 1211 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सभी नए संक्रमितों को संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से दवा उपलब्ध कराई गई है। इससे संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। बताते चलें कि यह विशेष अभियान 25 मई से 5 जून तक जिले में संचालित किया गया था। इस दौरान 20 चयनित साइटों (10 सेंटिनल और 10 रैंडम) से प्रति साइट 300-300 रक्त सैंपल, कुल 6000 रक्तपट एकत्र किए गए थे। इन साइटों का चयन वैज्ञानिक पद्धति पर किया गया था।
बाक्स : इन गांवों में मिले फाइलेरिया के रोगी
जांच रिपोर्ट के अनुसार, किशुनडीह में सर्वाधिक 6 मरीज पाए गए, जिससे यह क्षेत्र फाइलेरिया का नया हाटस्पाट बनकर उभरा है। इसके अलावा किशुनपुर में 5, महुदंड और नावाडीह में 4-4 मरीज मिले हैं। इसके अलावा नावा बाजार में 3,सुआ कौड़िया में 3, करर में 3,कोटखास में 3,बराही में 3,नावाटांड़ में 3,भड़गांवा में 3,हल्का में 3,टीलो में 2,लेदुका में 2,पथरा में 1, सतबरवा में 1 व नौडीहा मंगलपुर में 1 मरीज मिले हैं। कटैया, हिसरा बरवाडीह और मुरमुसी साइट से लिए गए सैंपलों में एक भी फाइलेरिया मरीज नहीं मिला, जो राहत की बात है।
रक्त पट संग्रह से मिलती है सही जानकारी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार फाइलेरिया संक्रमण मच्छरों के काटने से फैलता है। विशेषकर फ्युलेक्स व मैनसोनाइडिस प्रजातियों के माध्यम से। इस बीमारी के कीटाणु रात्रि में रक्त परिधि में सक्रिय होते हैं, इसलिए फाइलेरिया की जांच भी रात में ही की जाती है। रक्त की बूंद स्लाइड पर लेकर उस पर विशेष केमिकल डाला जाता है और माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। इसी कारण हर वर्ष जून माह में 10 से 15 दिनों का रात्रि रक्त पट संग्रह अभियान चलाया जाता है। इससे क्षेत्र में फाइलेरिया की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके।