सवाल :- क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हो रही है बालू की तस्करी ?
पांकी व तरहस्सी प्रखण्ड में प्रशासन की चुप्पी का लाभ बिचौलियों
का बड़ा तबका उठा रहा है ।
लगातार बालू की तस्करी से अमानत नदी का बिगड़ता अस्तित्व Photograph: (ORIGNAL)
अमानत नदी में ट्रैक्टर के पहियों के निशान Photograph: (ORIGNAL)
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YBN PALAMU:-
पहले सूर्यास्त के बाद यह कारोबार शुरू होता था, जो रात भर चलता था। लेकिन अब दिन के उजाले में खुलेआम बालू की तस्करी हो रही है ।
मेदिनीनगर -पांकी sh 10 के किनारे अमानत नदी से बालू की धड़ल्ले से तस्करी हो रही है । इससे एक ओर तस्कर मालामाल हो रहे हैं, वहीं सरकार को हर माह लाखों रुपये का राजस्व का नुकसान हो रहा है । लगातार बालू का उठाव होने से नदियों का अस्तित्व खतरे में है । कभी-कभार प्रशासन अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए दो-चार बालू से भरे ट्रैक्टर पकड़ता है, फिर चुप्पी साध लेता है । इसका लाभ बालू व्यवसाय से जुड़े बिचौलिये उठा रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रशासन के रोड पर निकलने की सूचना पूर्व में ही बालू तस्करों को मिल जाती है ।
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सवाल :- क्या स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हो रही है बालू की तस्करी?
चिंता: लगातार बालू का उठाव होने से नदियों का अस्तित्व खतरें में ।
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समस्या का हल :- पुलिस प्रशासन व सरकारी कर्मचारियों को एक्शन लेना चाहिए और अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए ।