YBN PALAMU:-
वे मंगलवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में स्थानीय शिवाजी मैदान से निकाली गई रैली सह प्रदर्शन कार्यक्रम में बोल रहे थे। रैली सह प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल आदिवासी समाज के महिला-पुरुषों ने शिवाजी मैदान से रैली निकालकर छहमुहान होते हुए कचहरी परिसर का भ्रमण किया व स्थानीय डीसी कार्यालय तक पहुंचा। प्रदर्शन में शामिल आदिवासी समाज के लोगों ने सरना धर्म कोड लागू करना होगा... जैसे नारे लगाए। रैली में शामिल आदिवासी समाज की महिला- पुरुषों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के पश्चात बालकिशुन उरांव व सन्नू सिद्दकी के नेतृत्व में पलामू के उपायुक्त को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन से बालकिशुन उरांव ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि जबतक सरना धर्म कोड लागू नहीं होगा, तब तक जनगणना नहीं होने देंगे। हर हाल में सरना धर्म कोड लागू कराकर ही रहेंगे। कार्यक्रम का संचालन झारखंड मुक्ति मोर्चा के सचिव रंजन चंद्रवंशी ने किया। कहा गया कि सरना धर्म के अनुयायी प्रकृति पूजक होते हैं और वे स्वयं को हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं मानते। इस प्रस्ताव को पारित करने के बाद, इसे केंद्र सरकार को भेजा गया, ताकि जनगणना में सरना-आदिवासी धर्म के लिए एक अलग कॉलम शामिल किया जा सके। लेकिन जब पहचान ही नहीं रहेगी तो जातीय जनगणना कराने का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य चंदन सिन्हा, शुशिला मिश्रा, सलोनी टोप्पो, संगठन सचिव अनुराग प्रताप सिंह, नगर अध्यक्ष रंजीत जयसवाल, सोनम राइन, मन्नत बग्गा और नगर कमिटी के सभी पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या विभिन्न प्रखंडों से आये नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।