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गांधी उद्यान: रेस्टोरेंट से ठेकेदार की कमाई दस गुना, शहरवासियों को सिर्फ झुनझुना...

चमकते चांद को तूने टूटा हुआ तारा बना डाला... पैसे की हवस ने गांधी उद्यान को आवारा बना डाला...। एक वक्त था जब गांधी उद्यान के हरे भरे पेड़ पौधे पर्यावरण को संरक्षित करते थे। सुबह शाम यहां टहलने का एक अलग आनंद था।

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Sudhakar Shukla
एडिट
gandhi park
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