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Photograph: (Google)
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Honda Elevate: भारत में ठंडी, विदेश में हिट
SIAM की FY25 रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2023 में लॉन्च हुई Honda Elevate से भारत में बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन 67,488 यूनिट्स में से केवल 22,321 यूनिट्स ही देश में बिकीं। वहीं, 45,167 यूनिट्स विदेशों में WR-V नाम से बेची गईं।
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Hyundai Verna: विदेशी बाजारों ने दी नई जान
2023 में Hyundai ने Verna को फिर से लॉन्च किया, लेकिन भारतीय ग्राहक ज़्यादा आकर्षित नहीं हुए। नतीजतन, कंपनी ने 50,000+ यूनिट्स मिडल ईस्ट, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों में निर्यात कर दिए।
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Nissan Sunny और Magnite: भारत में कम, बाहर में ज्यादा डिमांड
Nissan Sunny, जिसे 2020 में भारत से हटा लिया गया था, अब पूरी तरह से एक्सपोर्ट-फोकस्ड मॉडल बन चुकी है। FY25 में इसके करीब 42,000 यूनिट्स विदेश भेजे गए। वहीं, Nissan Magnite की भारत में सेल्स गिरकर 27,881 यूनिट्स रही जबकि एक्सपोर्ट बढ़कर 29,155 यूनिट्स हो गया।
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Jeep Meridian: विदेशों में भरोसे की सवारी
Jeep Meridian को भी भारत में अपेक्षित सफलता नहीं मिली, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसकी डिमांड बनी रही, जिससे कंपनी को एक्सपोर्ट पर निर्भर होना पड़ा।
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विशेषज्ञों की राय
ऑटो एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह ट्रेंड भारत की वर्ल्ड-क्लास मैन्युफैक्चरिंग को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी कि विदेशी ब्रांड अब भी भारतीय कस्टमर की पसंद को सही से नहीं समझ पाए हैं। गौरव वंगाल (S&P Global Mobility) के मुताबिक, भारत का कार बाजार बड़ा जरूर है, लेकिन बेहद जटिल भी।
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आगे की रणनीति क्या होगी?
अब Skoda जैसी कंपनियाँ भी भारत में कार बनाकर उसे राइट-हैंड ड्राइव ग्लोबल मार्केट्स में भेजने की तैयारी कर रही हैं। जब तक स्थानीय ग्राहक इन गाड़ियों को अपनाते नहीं, तब तक विदेशी बाजार मेड-इन-इंडिया कारों की लाइफलाइन बने रहेंगे।
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एक्सपोर्ट की ओर क्यों बढ़ा रुझान?
SIAM की FY25 रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू मांग कमजोर पड़ने और ग्लोबल मार्केट से बेहतर रिस्पॉन्स मिलने के कारण कंपनियों ने एक्सपोर्ट पर फोकस करना शुरू किया। इससे न सिर्फ प्रोडक्शन लाइन चलती रही बल्कि फैक्ट्री की क्षमता और सप्लायर एग्रीमेंट भी संतुलित रहे।
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