Advertisment

High Court News: नहीं हटेंगे काशी विश्वनाथ मंदिर के आचार्य, कोर्ट ने दिया यह आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर में रात्रि भोग श्रृंगार आरती करने वाले आचार्य डॉ. देवी प्रसाद द्विवेदी को हटाने के मुख्य कार्यपालक के आदेश को रद कर दिया है।

author-image
Abhishak Panday
high court

फाइल फोटो Photograph: (google)

प्रयागराज, वाईबीएन विधि संवाददाता।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर में रात्रि भोग श्रृंगार आरती करने वाले आचार्य डॉ. देवी प्रसाद द्विवेदी को हटाने के मुख्य कार्यपालक के आदेश को रद कर दिया है। याची को बिना किसी मानदेय के सुगमतापूर्वक श्रृंगार आरती, पूजन करने देने की अनुमति देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आचार्य का पूरा सम्मान किया जाय। वह चाहे तो सहायक भी रख सकते हैं। चाहे तो हफ्ते में तीन दिन सोमवार बुधवार बृहस्पतिवार को रात्रि भोग श्रृंगार आरती व पूजन कर सकते हैं। न्यास उनसे महीने में एक दिन मंदिर परिसर में कर्मकांड के प्रशिक्षण का काम ले सकता है। कोर्ट ने याची को न्यास को सूचित कर दायित्व का स्वयं त्याग करने की छूट दी है। कोर्ट ने कहा विवाद आपस में न सुलझे तो कोर्ट आ सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने डा देवी प्रसाद द्विवेदी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

प्रदेश के मुख्य सचिव के एकांत पूजा का प्रस्ताव आचार्य ने था टाला

मालूम हो कि याची कर्मकाण्ड के विद्वान हैं। काशी विद्वत परिषद ने पूजारी वंशीधर के निधन के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को 13 जनवरी 1994को पत्र लिखकर याची की आचार्य पद का दायित्व की संस्तुति की। जिस पर नियुक्ति की गई। शुरू में एक साल बाद में तीन साल का कार्यकाल बढ़ाया गया। मानदेय भी बढ़ाया जाता रहा। प्रदेश के मुख्य सचिव ने एकांत पूजा का प्रस्ताव भेजा, याची ने दर्शनार्थियों को रोक कर पूजा कराने में असमर्थता जताई तो नाराज हो गये। और शिकायत कराई कि नियुक्ति अवैध है और अनियमितता की जा रही। पीठ पीछे जांच कराई, रिपोर्ट नहीं दी। जवाब मांगा और आदेश हुआ कि 24 जून 2018 के बाद सेवा विस्तार नहीं किया गया था, इसलिए वसूली की जायेगी। न्यास ने यह भी कहा कि याची 60 वर्ष से अधिक का है। मानदेय व पूजन नहीं कर सकता। कोर्ट ने दोनों तर्कों को अस्वीकार करते हुए कहा 60 साल बाद पूजा पर रोक का कोई नियम नहीं है। हाईकोर्ट के स्थगनादेश के कारण याची पूजा कराते रहे। कोर्ट ने कहा याची की तुलना मंदिर के कर्मचारियों से नहीं की जा सकती।

यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की उनकी याचिका, अमेरिका में सिखों पर दिए बयान का मामला

यह भी पढ़ें: तय समय पर होगी संयुक्त राज्य इंजीनियरिंग की परीक्षा, नहीं घोषित होगा परिणाम

Advertisment

यह भी पढ़ें: शिया समुदाय में तीन तलाक मान्य नहीं, आपराधिक केस रद करने की याचिका पर कोर्ट ने मांगा जवाब

Prayagraj News prayagraj
Advertisment
Advertisment