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टीचर्स सेल्फ केयर टीम के संस्थापक एवं अध्यक्ष विवेकानंद आर्य। Photograph: (वाई बी एन संवाददाता।)
टीचर्स सेल्फ केयर टीम ने शुरू की जीवन दान योजना
Rampur News वाईबीएन संवाददाता: परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के संगठन टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने गंभीर बीमारी से प्रभावितों की मदद के लिए जीवन दान योजना शुरू की है। इसके तहत दस अगस्त तक फंड जुटाकर 11 अगस्त को जरूरतमंद शिक्षकों को मदद की जाएगी। अभी पांच लाख से इसकी शुरुआत की जा रही है। आगे इसे और बढ़ाया जाएगा। टी एस सी टी के संस्थापक अध्यक्ष विवेकानंद आर्य ने बताया कि गंभीर बीमारी के लिए जीवन दान योजना मंगलवार पांच अगस्त से शुरू की गई है। इसमें सदस्य 10 अगस्त तक 200 रुपये का सहयोग करेंगे। इससे एकत्र कॉर्पस फंड का उपयोग सदस्य शिक्षकों की गंभीर बीमारी में सहयोग के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसमें सहयोग पाने के लिए 18 महीने का सदस्य होना अनिवार्य है। यह शिक्षामित्र और अनुदेशक के लिए 17 महीने है। इलाज का खर्च 2 लाख से ऊपर होने पर ही मदद की जाएगी। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान आने वाला खर्च ही मान्य होगा। शुरुआत में अधिकतम 5 लाख की मदद की जाएगी।
विवेकानंद ने बताया कि एक व्यक्ति को दो साल में एक बार ही मदद की जाएगी। आवेदन से 3 माह पूर्व व्यवस्था शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त इस योजना का लाभ लेने के लिए पूर्व में बीमारी के लिए की गई अपील में 90 फीसदी अवसरों पर सहयोग करना भी आवश्यक होगा।
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टी एस सी टी का एकमात्र उद्देश्य है कि जिंदगी की हकीकत बस इतनी सी है कि इंसान पल भर में यादगार बन जाता है।
जिला संयोजक अनुपम कुमार पटेल का कहना है कि हमारा कोई साथी हमारे लिए यादगार बने उससे बेहतर यह है उसके जीते जी हमारा कार्य हमारी योजना उसके लिए यादगार बन जाए। टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदेश पिछले पांच वर्षों से अपने उन शिक्षक साथियों के परिवारों का आर्थिक सहयोग कर रही है जो अब हमारे बीच नहीं है इस बात की गंभीरता को समझते हुए प्रदेश अध्यक्ष जी एवं टीम के मन में विचार आया कि किसी के दिवंगत होने पर हम उसका सहयोग करें तो क्यों न ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि व्यक्ति की असामयिक मौत को ही बचाया जाए इसी को दृष्टिगत रखते हुए टीम ने 5 अगस्त 2025 से जीवनदान योजना का शुभारंभ किया है इसके प्रथम चरण में किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे साथी को उपचार हेतु 5 लाख तक की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी भविष्य में इस राशि को बढ़ाया भी जा सकता है। निश्चित रूप से यह योजना हमारे बहुत सारे टीचर्स साथियों का जीवन बचाने में सहायक सिद्ध होगी मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सभी सम्मानित सदस्य जीवन दान योजना का हिस्सा बनकर अपने साथियों का जीवन बचाने में अपनी सहानुभूति बनाए रखेंगे।
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आने वाले समय में यह योजना अमृत योजना का रूप लेकर विभिन्न बीमारी के लिए वरदान साबित होगी और शिक्षकों को मानसिक तनाव से राहत प्रदान करेगी
जिला सह संयोजक नितिन राजपूत ने बताया कि टी एस सी टी द्वारा 5 अगस्त से 'जीवन दान योजना' की औपचारिक शुरुआत की गई है। यह योजना विभिन्न बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों और उनके परिवार के सदस्यों को संबल देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के अंतर्गत पात्र मरीजों को चिकित्सकीय मूल्यांकन और निर्धारित नियमों के आधार पर अधिकतम ₹5,00,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह केवल एक वित्तीय मदद नहीं, बल्कि जीवन की आशा और सम्मान के साथ संघर्ष करने का अवसर है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों का जीवन समाज को दिशा देने में बीत जाता है, और ऐसे में उनके कठिन समय में टी एस सी टी का यह प्रयास एक सच्ची संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है। हालांकि यह योजना ऐच्छिक है लेकिन सभी साथी इस योजना से जुड़ें जिससे अधिक से अधिक ज़रूरतमंदों की सहायता की जा सके। टी एस सी टी केवल शिक्षकों समूह मात्र नही है बल्कि यह संवेदना, सहयोग और सेवा की एक जीवंत परंपरा बन चुका है।
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प्रभारी जीवन दान योजना रामपुर
टी एस सी टी की जीवन दान योजना प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एकमात्र ऐसी योजना साबित होगी जो कि शिक्षकों की, शिक्षकों के द्वारा एवं शिक्षकों के लिए है।
केशव कुमार, जिला सह संयोजक / प्रभारी जीवन दान योजना, रामपुर ने वाई बी एन संवाददाता को बताया कि प्रदेश में शिक्षकों की स्वैच्छिक संस्था टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टी एस सी टी) ने गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों के लिए जीवन दान योजना की शुरुआत की है। यह योजना संस्था के करीब चार लाख सक्रिय सदस्य शिक्षकों के आपसी सहयोग से संचालित होगी। योजना के तहत 5 से 10 अगस्त तक प्रत्येक सदस्य 200 रुपए का ऐच्छिक सहयोग करेगा, जिससे एक विशेष कोष (कॉर्पस फंड) तैयार किया जाएगा। इस फंड का उपयोग किसी सदस्य शिक्षक को गंभीर बीमारी की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए किया जाएगा। जैसे ही किसी शिक्षक को मदद
की आवश्यकता होगी नियमावली अनुसार सहयोग दिया जाएगा, प्रारंभिक चरण में अधिकतम सहायता राशि पांच लाख रुपये तक सीमित रहेगी, जिसे भविष्य में बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।