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रांची, वाईबीएन डेस्क : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के सर्वोच्च मुद्दे के रूप में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से जुड़े गंभीर आरोपों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है। मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मांग की है कि मामले की त्वरित एफआईआर और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
एसीबी में अनियमितता के आरोप
मरांडी का कहना है कि समाचारों और स्थानीय जानकारियों के अनुसार एसीबी के कुछ महत्वपूर्ण कमरों पर दो-दो ताले लगे पाए गए और रात के समय कई फाइलें व कंप्यूटर हार्ड-डिस्क्स हटाए जाने की सूचना मिली है। वे इसे एसीबी से जुड़ी संवेदनशील और निर्णायक साक्ष्य सामग्री को मिटाने की कोशिश बताते हैं। ऐसे आरोपों को गंभीर बताते हुए मरांडी ने कहा कि यदि सबूत नष्ट किए गए तो न्याय प्रक्रिया प्रभावित होगी।
मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी और संभावित षड्यंत्र
मरांडी ने याद दिलाया कि एसीबी इस समय सीधे मुख्यमंत्री के प्रभार में आता है और इसलिए मामले की निष्पक्षता की चिंता और बढ़ जाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि षड्यंत्रकारी लोग मुख्यमंत्री को नई तरह से फंसाने के लिए फिर से षड्यंत्र कर सकते हैं—जैसा कि पहले शिकायत पत्रों के ज़रिए किया जाता रहा है। मरांडी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पुराने सोशल मीडिया संदेशों और रिकॉर्ड्स की भी जाँच करायी जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
तत्काल जांच और दोषियों को बेनकाब करने की मांग
मरांडी ने कहा कि मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए, जांच करवाई जाए और यदि गुनाहगार पाए गए तो उन पर कठोर कार्रवाई हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार समय रहते कदम उठाकर मामले को सही दिशा में सुलझाएगी और एसीबी की स्वतंत्रता व भरोसे को बनाए रखा जाएगा।