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रांची/देवघर वाईबीएन डेस्क : माननीय राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज एम्स देवघर के छठा वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह केवल एक संस्थान का वार्षिकोत्सव नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और संकल्प की यात्रा का उत्सव है, जिसने स्वास्थ्य और आशा की नई किरण जगाई है।
राष्ट्रपति की उपस्थिति का उल्लेख
राज्यपाल ने 31 जुलाई, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में सम्पन्न प्रथम दीक्षांत समारोह का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल डिग्री प्राप्त करने का अवसर नहीं था, बल्कि सेवा का संकल्प लेने का क्षण भी था। यह गौरव पूरे झारखंड के लिए भी था।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस
उन्होंने बताया कि 270 एकड़ में फैला यह परिसर 750 बेड वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है। यहाँ आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, डायग्नॉस्टिक सेवाएँ, उत्कृष्ट संकाय और शोध केंद्र उपलब्ध हैं। झारखंड ही नहीं, बिहार और पश्चिम बंगाल से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार के लिए यहाँ आते हैं।
चिकित्सक का दायित्व और मानवता
राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सक का दायित्व केवल रोग का उपचार करना ही नहीं, बल्कि रोगी के मन में आशा और विश्वास जगाना भी है। चिकित्सक की वाणी, धैर्य और स्नेह कई बार सबसे बड़ी औषधि साबित होते हैं। उन्होंने कहा – “अस्पताल केवल इलाज का स्थान नहीं, बल्कि मानवता और करुणा का मंदिर है।”
प्रधानमंत्री के विजन से जुड़ा
राज्यपाल ने कहा कि एम्स देवघर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र को साकार कर रहा है और 'विकसित भारत @ 2047' के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
अब तक 7 लाख मरीजों को मिला लाभ
उन्होंने बताया कि अब तक ओपीडी सेवाओं के तहत सात लाख से अधिक मरीजों को लाभ मिला है। स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, उन्नत भारत अभियान के तहत गाँवों को गोद लेना और जन औषधि केंद्र जैसी पहलें संस्थान की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती हैं।
नए उपकरणों का उद्घाटन
इस अवसर पर राज्यपाल ने एक्स-रे 1000 एमए, 128-स्लाइस सीटी स्कैन तथा कार्डियक कैथेटेराईजेशन प्रयोगशाला का उद्घाटन भी किया।