Advertisment

एशिया कप 2025: भारत-पाकिस्तान मैच से पहले विरोध तेज, पहलगाम हमले ने भड़काई नाराजगी

एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच से पहले विरोध तेज हो गया है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत के बाद देशभर में पाकिस्तान से क्रिकेट न खेलने की मांग उठ रही है। रांची समेत कई जगहों से विरोध और समर्थन दोनों की आवाजें सामने आई हैं। अब सबकी नजरें बीसीसी

author-image
MANISH JHA
1757849562168

रांची वाईबीएन डेस्क : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस दर्दनाक घटना के बाद आम नागरिकों और संगठनों ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि जब पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों का समर्थन करता है, तब उसके साथ क्रिकेट खेलना शहीदों और मासूमों की कुर्बानी का अपमान है।

बीसीसीआई और सरकार पर दबाव

लोगों का आक्रोश अब केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि बीसीसीआई और केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया जा रहा है। कई लोगों का मानना है कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक व सैन्य रिश्ते सामान्य नहीं हैं, तब खेल के स्तर पर भी कोई संबंध नहीं होना चाहिए। उनका कहना है कि यह मैच आयोजित करना गलत संदेश देगा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करेगा।

रांची में अलग-अलग आवाजें 

महेंद्र सिंह धोनी के शहर रांची से भी इस मुद्दे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ युवाओं का कहना है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना चाहिए। एक क्रिकेट प्रेमी ने कहा, “जब रिश्ते ही नहीं हैं तो क्रिकेट का क्या औचित्य? यह मुकाबला रद्द होना चाहिए।” वहीं दूसरी ओर कुछ युवाओं का मानना है कि मैदान पर पाकिस्तान को हराना ही सबसे बड़ा जवाब होगा। उनका कहना है कि चाहे जंग का मैदान हो या खेल का, जीत भारत की ही होनी चाहिए।

खेल बनाम जनभावना की जंग

 भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट हमेशा हाई-वोल्टेज मुकाबला माना जाता है। लेकिन इस बार यह मुकाबला महज खेल नहीं रह गया है। यह जनता की भावनाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा बन चुका है। विरोध करने वाले मानते हैं कि क्रिकेट के जरिए पाकिस्तान को दोस्ती का संदेश देना गलत होगा, जबकि समर्थकों का कहना है कि खेल को खेल की तरह देखना चाहिए और जीत से पाकिस्तान को जवाब देना चाहिए।

फैसले पर टिकी निगाहें

Advertisment

अब सबकी निगाहें बीसीसीआई और केंद्र सरकार के फैसले पर हैं। एक ओर एशिया कप की प्रतिष्ठा बनाए रखने का दबाव है, वहीं दूसरी ओर देश की जनता का गुस्सा और विरोध भी सामने है। फिलहाल यह मुकाबला केवल दो टीमों का नहीं, बल्कि भावनाओं और नीतियों की जंग बन चुका है।

cricket BCCI INDvsPAK
Advertisment
Advertisment