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रांची वाईबीएन डेस्क : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर भूमि म्यूटेशन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि झारभूमि पोर्टल का डाटा राज्य डाटा सेंटर में स्थानांतरित होने के बाद भी आवेदन खोलने में लंबा समय लग रहा है। मरांडी का दावा है कि यह तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी का परिणाम है।
लंबित मामलों की समस्या
मरांडी ने रांची जिले में लगभग 18,000 म्यूटेशन मामले लंबित होने की जानकारी दी। उनका आरोप है कि यह समस्या धीमे इंटरनेट की वजह से नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेकर कार्य धीमा करने की वजह से उत्पन्न हुई है। उन्होंने इसे जनता के साथ अन्याय करार दिया।
नए नियमों की आवश्यकता
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि भूमि म्यूटेशन के नए नियम बनाएं जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि पुश्तैनी जमीन का वितरण न केवल गोतिया के लिए, बल्कि सरकारी हकदारों के बीच भी किया जाए। उनका कहना है कि इससे भ्रष्टाचार कम होगा, काला धन कम होगा और आम जनता को अंचल कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। जिससे राज्य की जनता को परेशानी का सबब नहीं उठाना पड़ेगा, लेकिन सरकार इसपर ध्यान नहीं दे रही है.