Advertisment

महागठबंधन में खींचतान: सीट बंटवारे पर झामुमो-राजद में तकरार तेज, कांग्रेस ने दी शांति की सलाह

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर दरार दिखने लगी है। झामुमो ने 15 अक्टूबर तक सीट शेयरिंग तय करने की मांग की है, जबकि राजद और कांग्रेस ने संयम बरतने की सलाह दी है। झामुमो का कहना है कि उसने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया है

author-image
MANISH JHA
1760326602460

रांची/पटना, वाईबीएन डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के बीच महागठबंधन में तनाव की लकीरें गहराने लगी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीट शेयरिंग को लेकर विवाद खुलकर सामने आ गया है। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य के हालिया बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर 15 अक्टूबर तक झामुमो को उसके हिस्से की सीटों की घोषणा नहीं की गई, तो पार्टी अपने उम्मीदवार खुद उतारने पर मजबूर होगी। भट्टाचार्य के बयान के बाद अब राजद और कांग्रेस दोनों ने झामुमो को संयम बरतने और सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज़ करने की नसीहत दी है।

राजद और कांग्रेस बोले गठबंधन की गरिमा बनाए रखें

राजद के प्रदेश प्रवक्ता कैलाश यादव और कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जगदीश साहू ने संयुक्त बयान में कहा कि गठबंधन की मजबूती सार्वजनिक बयानबाजी से नहीं, बल्कि आपसी संवाद से बनती है। उन्होंने कहा कि झामुमो के केंद्रीय महासचिव को मीडिया में अल्टीमेटम देने के बजाय गठबंधन नेताओं से बात करनी चाहिए। कैलाश यादव ने स्पष्ट कहा कि बिहार में सीट बंटवारे पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, इसलिए किसी भी तरह की जल्दबाज़ी से भ्रम की स्थिति बन सकती है। उन्होंने कहा, “राजद का झारखंड में मजबूत आधार रहा है। वर्षों से हमारे कई विधायक और मंत्री वहां से चुने जाते रहे हैं। ऐसे में झामुमो को गठबंधन के प्रति सम्मानजनक रवैया दिखाना चाहिए।” कांग्रेस नेता जगदीश साहू ने भी कहा कि महागठबंधन की ताकत एकता में है, और हर घटक दल को सार्वजनिक मंचों पर संयमित रहना चाहिए। झामुमो ने दोहराई अपनी बात : कहा, गठबंधन धर्म हमेशा निभाया राजद और कांग्रेस की अपील के बाद भी झामुमो ने अपने रुख से पीछे हटने से इंकार कर दिया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रियो भट्टाचार्य ने जो कहा, वह तथ्यों पर आधारित है और गठबंधन धर्म का सटीक उदाहरण प्रस्तुत करता है। झामुमो नेताओं ने याद दिलाया कि झारखंड में 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजद को केवल एक सीट मिलने के बावजूद हेमंत सोरेन ने गठबंधन की मर्यादा निभाई और उस विधायक को पूरे कार्यकाल में मंत्री पद पर बनाए रखा। झामुमो ने कहा कि उसने हमेशा अपने सहयोगियों को सम्मानजनक भागीदारी दी है। “हमने हाल के चुनाव में भी राजद को छह सीटें दीं, जिनमें से चार पर वह विजयी हुई। आज भी उनका एक विधायक झारखंड में मंत्री पद पर कार्यरत है,” झामुमो प्रवक्ताओं ने कहा। उन्होंने जोड़ा कि जब हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं, तो वही अपेक्षा हम बिहार के महागठबंधन से भी रखते हैं।

15 अक्टूबर की डेडलाइन पर अड़ा झामुमो कहा, अब निर्णय का वक्त

 झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो भी “महागठबंधन का अभिन्न हिस्सा” है, और पार्टी को उसके योगदान के अनुरूप सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हमारे कई उम्मीदवारों ने आवेदन दे दिए हैं। ऐसे में यह ज़रूरी है कि 15 अक्टूबर तक हमारे हिस्से की सीटें घोषित कर दी जाएं, ताकि हम अपनी तैयारी पूरी कर सकें।” सुप्रियो ने यह भी कहा कि झामुमो एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई है और अगर उसे सम्मानजनक भागीदारी नहीं दी गई, तो वह अपनी राह चुनने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि “हमने झारखंड में कांग्रेस, राजद और माले को सम्मान दिया। अब वही अपेक्षा हम बिहार में भी करते हैं। गठबंधन का मतलब बराबरी और परस्पर सम्मान है, न कि एकतरफा फैसला।” भट्टाचार्य के इस बयान ने महागठबंधन के अंदर हलचल मचा दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में राजद और इंडिया ब्लॉक झामुमो को मनाने में कितनी कामयाब होती हैं।

JMM Jharkhand Congress rjd 2025 election Bihar
Advertisment
Advertisment