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रांची वाईबीएन डेस्क : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर खूंटी जिले के उलिहातु स्थित बिरसा मुंडा कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम समेत कई जन-प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत धरती आबा की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। “वीरों की कुर्बानी पर बना झारखंड” : मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड वीरों और शहीदों की मिट्टी है, जिन्होंने संघर्ष और त्याग के दम पर इस राज्य को पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि उन महानायकों के सपनों को साकार करना सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को याद करते हुए कहा कि आज उनके न रहने का अभाव पूरे राज्य को महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोई बुजुर्ग घर से विदा हो जाए तो सन्नाटा छा जाता है, आज वही पीड़ा राज्य अनुभव कर रहा है।
जनजातीय समुदायों के विकास को मिली नई दिशा
सोरेन ने कहा कि सरकार गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याएं जान रही है और खासकर आदिवासी एवं जनजातीय समुदायों के हित में योजनाओं का विस्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार की बड़ी हिस्सेदारी गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं के कल्याण पर खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष के युवा राज्य झारखंड को अब नई ऊर्जा के साथ देश के अग्रणी राज्यों की कतार में लाने का लक्ष्य रखा गया है।
महिला सशक्तीकरण से लेकर स्वास्थ्य-शिक्षा पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार, शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले लोगों को इलाज और पढ़ाई के लिए कर्ज लेना पड़ता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में झारखंड का प्रत्येक परिवार खुशहाली की राह पर अग्रसर होगा। कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, बिरसा मुंडा के वंशज सुखराम मुंडा तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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