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बोकारो के चाकुलिया का प्राचीन दुर्गा मंदिर में बेटियों के जन्म पर विशेष पूजा की मनाई जाती है अनूठी परंपरा

झारखंड के बोकारो जिले के चास प्रखंड के चाकुलिया गांव में स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर लगभग 175 वर्षों से पुत्री प्राप्ति की आस्था का केंद्र है। दुबे परिवार द्वारा स्थापित इस मंदिर में श्रद्धालु बेटियों के महत्व को समझने और संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते ह

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MANISH JHA
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बोकारो,रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड के बोकारो जिले के चास प्रखंड के चाकुलिया गांव में स्थित मां दुर्गा का प्राचीन मंदिर अपनी अनोखी परंपरा और धार्मिक मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 175 वर्ष पहले दुबे परिवार के स्वर्गीय कालीचरण दुबे ने पुत्री प्राप्ति की कामना से यहां पूजा-अर्चना शुरू की थी, जो आज भी लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

बेटियों के महत्व का संदेश देता मंदिर

इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां श्रद्धालु पुत्री प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि मां दुर्गा इस स्थान पर आने वाले भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं। ऐसे समय में जब समाज में बेटियों को कई बार कमतर आंका जाता है, यह मंदिर बेटियों को वरदान मानने और उन्हें सम्मान देने का संदेश देता है।

दुबे परिवार की परंपरा और विश्वास

 मंदिर से जुड़े पुजारी मनोहर दुबे बताते हैं कि उनके पूर्वजों ने मिट्टी के घर में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की थी। पूजा के बाद पुत्री भवानी का जन्म हुआ और तभी से इस परंपरा को परिवार और गांव के लोग आगे बढ़ा रहे हैं। श्रद्धालु सूर्यकांत सिंह, दिनेश महतो और कात्यानी दिव्या का कहना है कि मां दुर्गा की कृपा से उनकी पुत्री सहित संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी हुई।

 विशेष घट स्थापना और सिद्धिदात्री मंदिर

 इस मंदिर में घट स्थापना की परंपरा भी बेहद खास है। पहली बार जिस तांबे के लोटे से घट की स्थापना हुई थी, आज भी उसी का उपयोग किया जाता है। यह गांव और परिवार की आस्था का प्रतीक माना जाता है। लगभग 13 वर्ष पहले यहां मां सिद्धिदात्री का मंदिर भी स्थापित किया गया, जहां प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है और विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

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