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झारखंड के बाजारों में धनतेरस की चमक, देर रात तक खरीदारी का उत्सव

धनतेरस 2025 पर झारखंड के जमशेदपुर और देवघर के बाजारों में अभूतपूर्व रौनक रही। जीएसटी दरों में कमी और “वोकल फॉर लोकल” के असर से लोगों ने जमकर खरीदारी की। जमशेदपुर में सौ करोड़ से अधिक और देवघर में 500 करोड़ रुपये तक का कारोबार हुआ।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड में धनतेरस का त्योहार इस बार खासा रंगीन और रौनकभरा रहा। जमशेदपुर से लेकर देवघर तक बाजारों में इतनी भीड़ उमड़ी कि कई दुकानों को देर रात तक खुला रखना पड़ा। हर गली, हर चौराहे पर जगमग रोशनी, दीयों की लौ और खुशियों की खनक सुनाई दे रही थी। शहरों के मुख्य बाजारों, मॉल और शोरूम में ग्राहकों की भीड़ देर रात तक बनी रही। लोग अपने परिवारों के साथ बर्तन, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स और गृह सज्जा की वस्तुओं की खरीदारी में व्यस्त दिखे। इस दौरान दुकानदारों ने बताया कि जीएसटी दरों में हालिया कमी से बिक्री में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। शहर के कई इलाकों में सुरक्षा के भी सख्त इंतजाम किए गए थे, ताकि त्योहार का माहौल शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहे। 

जमशेदपुर में सौ करोड़ के कारोबार की उम्मीद

 धनतेरस पर जमशेदपुर का बाजार पूरे शबाब पर नजर आया। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और माइक्रोवेव की बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर रही। वहीं पारंपरिक रूप से बर्तनों की दुकानों में कांसा, पीतल और चांदी के आइटम की मांग बनी रही। दुकानदारों के अनुसार, पिछले कई वर्षों में यह पहला मौका है जब ग्राहकों ने इतनी उत्साहपूर्वक खरीदारी की। जीएसटी की दरों में कमी का फायदा सीधे ग्राहकों को मिला। इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानदार विशाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार बिक्री लगभग दोगुनी हुई है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर का बाजार हर साल धनतेरस पर लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार करता है, और इस बार आंकड़ा इससे भी अधिक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि ऑनलाइन मार्केट का कुछ असर जरूर दिखा, लेकिन ग्राहकों ने फिजिकल शॉपिंग को प्राथमिकता दी। दुकानदारों के मुताबिक, लोग धनतेरस जैसे पारंपरिक त्योहारों पर दुकान से खरीदारी करना शुभ मानते हैं। सोने की कीमतें भले ही ऊंचाई पर हों, लेकिन इसकी चमक में कोई कमी नहीं आई। ज्वेलरी शोरूम में ग्राहकों की भीड़ लगी रही। कई लोगों ने अपने बजट के अनुसार छोटे आकार के आभूषण, चेन और चांदी के सिक्के खरीदे। कई लोगों ने कहा कि भले सोना महंगा है, लेकिन धनतेरस बिना खरीदारी के अधूरा लगता है। 

देवघर में 500 करोड़ का कारोबार, दीपों और उम्मीदों से जगमगाया बाजार

देवघर में धनतेरस की सुबह से ही बाजारों में ग्राहकों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदिर नगरी की सड़कों पर रौनक, सजावट और खरीदारी का माहौल ऐसा था जैसे दिवाली पहले ही आ गई हो। हर उम्र के लोग अपने घरों को संवारने, नए बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सजावट की वस्तुएं खरीदने के लिए दुकानों में पहुंचे। संथाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, इस बार धनतेरस पर देवघर और आसपास के इलाकों में करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है। चैंबर के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने बताया कि कोरोना काल के बाद लगातार हर वर्ष धनतेरस पर व्यापारिक स्थिति मजबूत हो रही है और इस बार तो बाजार में उम्मीद से अधिक रौनक देखने को मिली। देवघर के शोरूमों में दोपहिया और चारपहिया वाहनों की बिक्री भी जबरदस्त रही। कई लोगों ने शुभ दिन मानकर नई गाड़ियां खरीदीं। “वोकल फॉर लोकल” अभियान का असर साफ तौर पर दिखा, लोग स्वदेशी उत्पादों की ओर अधिक आकर्षित हुए। स्टील बर्तनों, पीतल के दीयों, घरेलू सजावट और भारतीय ब्रांड के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि दर्ज की गई। ग्राहकों का कहना था कि इस वर्ष बाजार में जीएसटी कम होने का लाभ उन्हें सीधा मिला है। कई वस्तुएं पिछले साल की तुलना में सस्ती पड़ीं, जिससे उन्होंने अधिक मात्रा में खरीदारी की। शाम होते-होते पूरा देवघर दीपों की रोशनी और फूलों की खुशबू से महक उठा। दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान थी और ग्राहकों के हाथों में खरीदारी के थैले। धनतेरस की रात देवघर के बाजार ने यह साबित कर दिया कि आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों साथ-साथ जगमगाते हैं। इस वर्ष न केवल घरों में दीये जले, बल्कि व्यापारियों की उम्मीदें भी पहले से कहीं अधिक दमक उठीं।

Diwali 2025 Dhanteras 2025 Jharkhand
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