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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं के बाद घायलों की मदद के लिए आम नागरिक अब बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई स्टेट गुड सेमेरिटन पॉलिसी का असर अब साफ दिखने लगा है। इस योजना के तहत अब तक 200 से अधिक लोगों ने घायल व्यक्तियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई है।
राजेश, मजरूल और सिद्धार्थ बने जीवनदाता
चक्रधरपुर निवासी राजेश तिवारी ने रेलवे लाइन के पास सड़क दुर्घटना में घायल एक वृद्ध को देखा। उन्होंने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाते हुए उन्हें नजदीकी सीएचसी पहुंचाया, जिससे उनका इलाज समय पर हो सका। इसी तरह, पूर्वी सिंहभूम के मजरूल हक ने सड़क किनारे घायल सांगी गोप को देखकर बिना समय गवाए अस्पताल पहुंचाया। वहीं, सिद्धार्थ होनहागा ने पुरनिया कुटपानी में रामसिंह टियू और दसमती टियू को सड़क दुर्घटना के बाद घायल अवस्था में देखकर तुरंत अस्पताल ले जाकर उनकी जान बचाई।
डर के बजाय जागरूकता और मानवता का भाव
पहले लोग पुलिस या कानूनी झंझट के डर से घायलों की मदद करने से हिचकिचाते थे। लेकिन अब, सरकार द्वारा शुरू की गई गुड सेमेरिटन स्कीम ने इस सोच को बदला है। इस योजना के तहत सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले ‘नेक नागरिकों’ को सरकार द्वारा ₹2000 प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इससे लोग अब निडर होकर इंसानियत निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री की पहल से बदल रही है सोच
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल से झारखंड में यह सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। अब आम लोग न केवल मानवता दिखा रहे हैं बल्कि कई जिंदगियां भी बचा रहे हैं। सड़क सुरक्षा विभाग के अनुसार, इस नीति के लागू होने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है।
जनसंदेश
सभी नागरिकों से अपील है अगर कहीं किसी को सड़क दुर्घटना में घायल देखें, तो बिना देर किए मदद करें। सरकार आपके साथ है। इन “ईश्वर रूपी मददगारों” को राज्य की ओर से अबुआ जोहार!