/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/28/1761665603669-2025-10-28-21-03-48.jpg)
रांची हजारीबाग वाईबीएन डेस्क : झारखंड के हजारीबाग जिले में छठ पर्व की खुशियां मातम में बदल गईं। कटकमसांडी प्रखंड के शाहपुर पंचायत के झारदाग गांव में सोमवार दोपहर उस समय सन्नाटा पसर गया जब एक ही परिवार की चार बच्चियां तालाब में डूब गईं। हादसा इतना अचानक हुआ कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। कुछ ही मिनटों में पूरा गांव रोने-बिलखने की आवाजों से गूंज उठा।
छठ के बाद कपड़े धोने गई थीं तालाब पर
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, छठ पूजा संपन्न होने के बाद चारों बच्चियां तालाब के किनारे कपड़े धोने गई थीं। कपड़े धोते समय अचानक एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चली गई। उसे बचाने की कोशिश में बाकी तीनों भी एक-एक कर तालाब में कूद पड़ीं। पानी अधिक गहरा होने के कारण कोई भी बाहर नहीं निकल पाई। कुछ देर बाद जब ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई, तब तक चारों की मौत हो चुकी थी।
गांव में पसरा मातम, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे के बाद झारदाग गांव का माहौल गमगीन है। घर-घर से रोने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चारों बच्चियां बेहद होनहार थीं और अक्सर साथ ही पढ़ाई और खेलकूद किया करती थीं। किसी को अंदाजा नहीं था कि त्योहार की खुशियों के बीच इतना बड़ा हादसा घट जाएगा। मृत बच्चियों की पहचान पूजा कुमारी (20), रिंकी कुमारी (16), साक्षी कुमारी (16) और रिया कुमारी (14) के रूप में की गई है।
पुलिस व प्रशासन पहुंचे स्थल पर, शव भेजे गए अस्पताल
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों की मदद से चारों शवों को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और परिजनों को सांत्वना दी है।
सांसद और विधायक ने जताया दुख
हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत पीड़ादायक क्षण है, जिसमें एक परिवार ने अपनी चार बेटियों को खो दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन विभाग के तहत प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹4 लाख की तत्काल राहत दी जाए। सांसद ने आश्वासन दिया कि वे व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि परिवारों को हर संभव सरकारी सहायता मिले।
सदर विधायक प्रदीप प्रसाद भी घटनास्थल पहुंचे और शोकाकुल परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे जिले के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों को तालाब और नदी जैसे स्थानों पर अकेले नहीं जाने दिया जाए।
पूरे क्षेत्र में छाया शोक, बंद हुए जश्न के माहौल
छठ पर्व की समाप्ति के बाद गांव में उत्सव जैसा माहौल था, लेकिन इस घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। गांव के मंदिरों में पूजा-आरती का कार्यक्रम रोक दिया गया। स्कूलों में भी बच्चों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत बच्चियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us