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रांची वाईबीएन डेस्क : धनबाद, वाईबीएन डेस्क: झारखंड की राजनीति में एक समय बेहद प्रभावशाली चेहरा रहे झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की घर वापसी के साथ ही धनबाद का माहौल एक बार फिर राजनीतिक रंग में रंग गया। आठ साल बाद अपने क्षेत्र में कदम रखते ही उनके स्वागत में सैकड़ों की भीड़ जुटी। समर्थकों ने फूलों की बारिश कर नेता जी घर आ गए” के नारे लगाए।
लंबे इंतजार के बाद मिली राहत
संजीव सिंह पर अपने ही चचेरे भाई और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या का आरोप था। इस हाईप्रोफाइल मामले में वे आठ साल तक जेल में बंद रहे। अगस्त 2025 में धनबाद की विशेष एमएलए-एमपी अदालत ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया। अदालत के फैसले के बाद उनके समर्थक खुशी से झूम उठे थे, लेकिन संजीव सिंह ने उस वक्त स्वास्थ्य कारणों से सार्वजनिक उपस्थिति नहीं दी थी। स्वास्थ्य लाभ के बाद पहली बार जनता के बीच जेल में बिताए लंबे वक्त के कारण उनका स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ था। बताया जाता है कि वे अवसाद और कई शारीरिक बीमारियों से गुजर रहे थे। कोर्ट से बरी होने के बाद उन्होंने दिल्ली में महीनों तक इलाज करवाया। डॉक्टरों की अनुमति मिलने के बाद ही उन्होंने जनता के बीच लौटने का निर्णय लिया।
दिल्ली से दुर्गापुर, फिर सड़क मार्ग से धनबाद
रविवार को वे दिल्ली से विमान द्वारा दुर्गापुर एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से उनका काफिला धनबाद की ओर रवाना हुआ। रास्ते भर समर्थक उनके स्वागत के लिए जुटे रहे। मैथन टोल प्लाजा पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। समर्थकों ने फूल-मालाओं, बुके और अंगवस्त्रों से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
नेता के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब
जैसे ही संजीव सिंह की गाड़ी मैथन पहुंची, भीड़ ने “संजीव सिंह अमर रहें” के नारे लगाने शुरू कर दिए। कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका अभिनंदन किया। जगह-जगह उनके स्वागत के लिए तोरण द्वार लगाए गए थे। समर्थकों ने कहा कि आठ साल बाद अपने नेता को देखने का मौका मिला है, यह दिन ऐतिहासिक है।
संजीव सिंह बोले जनता का प्यार मेरी ताकत
काफिले से उतरकर संजीव सिंह ने अपने समर्थकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। उन्होंने कहा, “मैं जनता का आभारी हूं। कठिन समय में आपने जो भरोसा दिखाया, वही मुझे शक्ति देता रहा। अब मैं फिर से झरिया के लोगों के बीच सक्रिय रहूंगा।”
राजनीति में वापसी के संकेत
संजीव सिंह की इस सार्वजनिक उपस्थिति को राजनीतिक हलकों में उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। झरिया क्षेत्र में उनके समर्थकों ने इस मौके को एक उत्सव की तरह मनाया। सड़क किनारे लगे पोस्टर-बैनरों में लिखा था – “झरिया का शेर वापस आया।”