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रांची, वाईबीएन डेस्क : झारखंड की पूर्व मुख्य सचिव अलका तिवारी ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त का पदभार संभाला। वह राज्य की आठवीं निर्वाचन आयुक्त बनी हैं और उनका कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से अगले चार वर्षों तक रहेगा। उनके पदभार ग्रहण करने के बाद राज्य में आगामी नगर निकाय एवं पंचायत चुनावों की तैयारियां गति पकड़ने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलका तिवारी को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अलका तिवारी की पहचान एक ईमानदार, कुशल और सक्षम प्रशासनिक अधिकारी के रूप में रही है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराएगा।
सेवानिवृत्ति के बाद नई जिम्मेदारी
अलका तिवारी ने 30 सितंबर को झारखंड के मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्ति ली थी। लंबे प्रशासनिक अनुभव और कार्यकुशलता को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा है। इससे पहले वे कई विभागों में अहम पदों पर रह चुकी हैं और उनकी गिनती राज्य की तेज-तर्रार महिला आईएएस अधिकारियों में होती है।
परिवार का भी प्रशासनिक योगदान
गौरतलब है कि अलका तिवारी के पति डॉ. डी.के. तिवारी भी झारखंड के मुख्य सचिव और बाद में राज्य निर्वाचन आयुक्त रह चुके हैं। इस तरह राज्य के प्रशासनिक इतिहास में यह विशेष उदाहरण है कि पति-पत्नी दोनों ने मुख्य सचिव और निर्वाचन आयुक्त जैसे शीर्ष पदों की जिम्मेदारी निभाई है। इससे झारखंड के प्रशासनिक ढांचे को नई दिशा और मजबूती मिली है।