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रांची वाईबीएन डेस्क : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज प्रदेश कार्यालय में राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने राज्य की नई बालू घाट नीलामी नियमावली को माफिया, दलाल और बिचौलियों के हित में करार दिया और सरकार पर स्थानीय युवाओं तथा वंचित वर्गों को वंचित करने का आरोप लगाया।
सरकार पर आरोप नियम माफिया और दलालों के लिए बने
मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार माफियाओं, बिचौलियों और दलालों के इशारे पर काम कर रही है। उनका आरोप था कि नियमावली ऐसी तैयार की गई है कि सामान्य और स्थानीय आवेदनकर्ता इसमें शामिल ही नहीं हो सकेंगे — केवल वही फर्में और लोग लाभान्वित होंगे जिनकी सेटिंग पहले से तय है।
नीलामी नियमावली में शर्तों पर सवाल
मरांडी ने नियमावली की कुछ बातों का उदाहरण दिया राज्य के 500 से अधिक बालू घाटों की नीलामी का प्रावधान। जिला स्तर पर घाटों को समूहों में बाँटना (जैसे गोड्डा, जामताड़ा, दुमका, गिरिडीह आदि)। निविदा में आवेदन के लिए 15 करोड़ रुपये वार्षिक टर्नओवर की शर्त।
पर्यावरण अनुमति मिलने पर पूरे समूह से बालू उठाने की व्यवस्था।
मरांडी ने इसे अवैध उत्खनन को वैध बनाने की चाल बताया और कहा कि यही नियम माफियाओं को बड़े पैमाने पर खनिज संसाधनों की लूट का रास्ता खोलेंगे।
ग्राम सभा को अधिकार देने की मांग
मरांडी ने सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने और ग्राम सभा को बालू घाटों का अधिकार देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि पहले वे सरकार को पत्र भेजकर चेतावनी दे चुके थे। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि नियमावली लागू रखने पर और आगे भी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।