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रांची वाईबीएन डेस्क : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी द्वारा व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट के तहत लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुरक्षा उपकरणों की खरीद में गड़बड़ी के गंभीर मामले को दबाने का काम किया है।
बाजार मूल्य से कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीद
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि व्हिस्ल ब्लोअर आईपीएस अधिकारी ने खुलासा किया था कि सुरक्षा उपकरणों को उनके बाजार मूल्य से चार से पांच गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया। इसके बावजूद हेमंत सरकार ने महीनों तक मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
कनिष्ठ अधिकारी को वरीय अधिकारी पर जांच
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जब दबाव बढ़ा तो सरकार ने जांच समिति तो बनाई, लेकिन उसमें आईजी स्तर के कनिष्ठ अधिकारी नरेंद्र कुमार को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। यह अपने आप में हास्यास्पद और अनैतिक था कि एक कनिष्ठ अधिकारी वरीय अधिकारी की जांच करे। भारी विवाद के बाद समिति बदली गई और एडीजी स्तर के टी. कांडास्वामी को अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन उनके लंबे अवकाश पर रहने से जांच की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
व्हिस्ल ब्लोअर की सुरक्षा पर सवाल
प्रतुल ने आरोप लगाया कि सरकार ने न केवल भ्रष्टाचार के आरोपितों को बचाने का काम किया, बल्कि व्हिस्ल ब्लोअर अधिकारी को असुरक्षित करने का प्रयास भी किया। उन्होंने कहा कि यह व्हिस्ल ब्लोअर एक्ट की भावना के विपरीत है, जिसका उद्देश्य भ्रष्टाचार उजागर करने वाले अधिकारी को संरक्षण देना है। प्रतुल शाहदेव ने मांग की कि सरकार मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करे।