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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड में पेसा नियमावली को लेकर सरकार और विभिन्न विभागों के बीच सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। बुधवार को हाईकोर्ट में इस नियमावली पर सुनवाई होने जा रही है। सुनवाई महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि बालू घाटों और माइनर मिनरल के टेंडर के बाद आवंटन पर न्यायालय ने रोक लगा रखी है। सरकार इस मामले में जल्द निर्णय लेना चाहती है, लेकिन पेसा नियमावली के कारण प्रक्रिया अभी तक स्थिर है। .
कैबिनेट बैठक और लंबित मुद्दे
कई त्रुटियों के कारण बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में पेसा नियमावली को अंतिम रूप देने की संभावना बहुत कम है। विभागों के अनुसार अभी भी सात विभागों की राय प्राप्त नहीं हुई है। इस वजह से नियमावली को मंजूरी देना फिलहाल संभव नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने भी हाल ही में विभागीय सचिवों के साथ बैठक कर लंबित मामलों को जल्द हल करने के निर्देश दिए थे।
ड्राफ्ट संशोधन और अगला कदम
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंचायती राज विभाग ने नियमावली के ड्राफ्ट में बदलाव किया। प्रारंभिक ड्राफ्ट 31 पृष्ठों का था, जिसे घटाकर 23 पृष्ठों में संक्षिप्त किया गया। हालांकि, अभी भी कई विभागों के सुझाव और मंजूरी का इंतजार है। अब सरकार इस मामले में तेजी लाने का प्रयास कर रही है ताकि बालू घाट और मिनरल आवंटन से जुड़े विवाद को जल्द सुलझाया जा सके। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि नियमावली को अंतिम रूप देने से पहले सभी पक्षों की राय शामिल हो।