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रांची,वाईबीएन डेस्क : झारखंड पुलिस महकमे और राजनीतिक गलियारों में मंगलवार की देर रात से एक बड़ी चर्चा ने माहौल गरमा दिया है। खबर यह है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इस संबंध में अब तक किसी भी आधिकारिक सूत्र ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रशासनिक हलकों और सोशल मीडिया पर इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।
सोशल मीडिया से उठी खबर, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं
मंगलवार की रात से ही कई व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अनुराग गुप्ता के इस्तीफे की खबर फैल गई। लोग अलग-अलग तरह के दावे करने लगे कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से त्यागपत्र दिया है। लेकिन जब बुधवार सुबह तक राज्य सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया, तो यह अटकलें और तेज हो गईं। गृह सचिव वंदना डाडेल से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह फिलहाल बाहर हैं और अभी इस विषय पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
रात में भेजा गया इस्तीफा? सुबह तक खामोशी
अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की देर शाम अनुराग गुप्ता ने अपना इस्तीफा भेजा है। बताया जाता है कि उन्होंने त्यागपत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा है, लेकिन इस पर सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। बुधवार सुबह राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों और न्यूज पोर्टलों ने भी इस खबर की पुष्टि नहीं की थी। फिर भी, पुलिस मुख्यालय से लेकर सचिवालय तक यह चर्चा आम है कि इस्तीफा हो चुका है।
प्रभारी डीजीपी से नियमित डीजीपी बनने तक का सफर
अनुराग गुप्ता 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने लंबे समय तक राज्य पुलिस में कई अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं। उन्हें 26 जुलाई 2024 को झारखंड का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया था। इसके बाद फरवरी 2025 में उन्हें स्थायी डीजीपी बनाया गया। उनकी नियुक्ति के वक्त भी काफी विवाद हुआ था। विपक्षी दलों ने सरकार पर मनमानी का आरोप लगाया था। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तो इस मामले को कोर्ट में चुनौती तक दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को बरकरार रखा था।
फिर से चर्चा में आए गुप्ता, क्या है वजह?
करीब नौ महीने पहले हुए विवाद पर उस समय विराम लग गया था, लेकिन अब उनके अचानक इस्तीफे की चर्चा ने एक बार फिर प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों हलकों में हलचल मचा दी है। कुछ सूत्रों का कहना है कि हाल के दिनों में विभागीय स्तर पर लिए गए कुछ निर्णयों को लेकर मतभेद उभर आए थे। दूसरी ओर, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत कारणों से जुड़ा मामला बता रहे हैं। लेकिन बिना आधिकारिक बयान के यह सब सिर्फ अटकलों के दायरे में है।
राजनीतिक गलियारों में मंथन, सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
राज्य की सियासत में इस खबर ने नई ऊर्जा भर दी है। विपक्ष इस मामले पर सरकार से जवाब मांगने की तैयारी में है। वहीं, सत्ताधारी दल के नेता अभी इस विषय पर बोलने से बच रहे हैं। सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया कब आएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि यह चर्चा आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकती है।
सस्पेंस बरकरार, क्या वाकई इस्तीफा हुआ है?
अभी तक न तो सरकार ने इस्तीफे की पुष्टि की है और न ही डीजीपी की ओर से कोई बयान जारी हुआ है। इस बीच, पुलिस मुख्यालय में अफसरों के बीच भी हलचल देखी जा रही है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी के इस्तीफे की खबर कहां तक सच है। जब तक सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं होती, तब तक इस चर्चा पर सस्पेंस बना रहेगा।
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