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रांची,वाईबीएन डेस्क : झारखंड में स्थानीय शहरी निकाय चुनाव कराने में हो रही देरी पर झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग दोनों पर कड़ा रुख अपनाया है। पार्षद रोशनी खलखो बनाम झारखंड सरकार मामले में 10 नवम्बर 2025 को माननीय न्यायमूर्ति आनंदा सेन की अदालत में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई।
तीन सप्ताह में चुनाव कराने के पुराने आदेश पर हुई सुनवाई
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने दलीलें दीं। मामला 04 जनवरी 2024 के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया था। अदालत में इस आदेश की अवमानना को लेकर बहस हुई।
सरकार ने सौंपी रिपोर्ट, आयोग ने मांगा तीन महीने का समय
सरकार ने अदालत को बताया कि ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट और चुनाव से संबंधित नोटिफिकेशन राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दिए गए हैं। वहीं आयोग ने कहा कि बीसी-1 और बीसी-2 वर्गों के आरक्षण निर्धारण में समय लग रहा है, इसलिए उसे तीन महीने का अतिरिक्त समय चाहिए।
अदालत ने आयोग की दलील ठुकराई, 24 नवंबर को अगली सुनवाई
अदालत ने आयोग की समय मांग को अस्वीकार करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई में चुनाव की निश्चित तारीख बताई जाए। न्यायालय ने कहा कि अब आदेश की अवमानना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 24 नवम्बर 2025 को होगी।
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