/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/09/1757420354012-2025-09-09-17-50-25.jpg)
रांची,वाईबीएन डेस्क : रांची के SDC सभागार में सोमवार को झारखंड कलाकार सोसाइटी की ओर से राज्यस्तरीय कलाकार महाजुटान 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के 24 जिलों और 9 भाषाओं से जुड़े कलाकारों ने हिस्सा लिया। शुरुआत झारखंड की कला और संस्कृति में योगदान देने वाले दिवंगत कलाकारों को श्रद्धांजलि देकर की गई।
कलाकार झारखंड की पहचान : शिल्पी नेहा तिर्की
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि नृत्य, संगीत और संस्कृति ने झारखंड की पहचान को देश-दुनिया में मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि कलाकारों को अपनी ताकत पहचाननी होगी और वैश्विक स्तर पर अपनी कला की मार्केटिंग करनी होगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और साहित्य अकादमी को मंजूरी दी है। यह पहल कलाकारों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।
ठोस नीति की जरूरत : बंधु तिर्की
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि कलाकारों के लिए ठोस नीति समय की मांग है। उन्होंने कलाकारों को बीमा और नौकरी में आरक्षण जैसी सुविधाएं देने की वकालत की। साथ ही घोषणा की कि दिसंबर माह में रांची के मोरहाबादी मैदान में कलाकारों का महासमागम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आमंत्रित किया जाएगा।
कलाकारों की आवाज और समर्थन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने पद्मश्री रामदयाल मुंडा को याद करते हुए कहा – “जे नाची से बांची।” वहीं पद्मश्री मधु मंसूरी ने गीतों के माध्यम से कलाकारों की पीड़ा रखी।