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खूंटी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटा, जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर भारी बवाल

खूंटी कांग्रेस में नई जिला अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर बवाल मच गया। कार्यकर्ताओं ने भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रवि मिश्रा को हटाने की मांग की। राज्य प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष को विरोध झेलना पड़ा।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जिला अध्यक्षों की नई सूची जारी होते ही पार्टी के भीतर विरोध और असंतोष की लहर दौड़ गई। खूंटी में बुधवार को कई वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने खुलकर नाराज़गी जताई। उनका गुस्सा नए जिला अध्यक्ष रवि मिश्रा की नियुक्ति को लेकर था। पार्टी के झारखंड प्रभारी के. राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के सामने कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और रवि मिश्रा को पद से हटाने की मांग की। 

स्थानीय नेताओं का आरोप संगठन से नहीं है जुड़ाव

 प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को जिला अध्यक्ष बना दिया है, जिसका संगठन से कोई पुराना रिश्ता नहीं है और जिसने कभी पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर संघर्ष नहीं किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मिश्रा की नियुक्ति से समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया है। कई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि वह भाजपा के स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं और कांग्रेस संगठन को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। विरोध के दौरान “वोट चोर गद्दी छोड़” और “संगठन सृजन” जैसे नारे लगाए गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

नेताओं ने रोका प्रभारी का काफिला

कांग्रेस प्रभारी के. राजू और प्रदेश अध्यक्ष “संगठन सृजन” कार्यक्रम के लिए खूंटी पहुंचे थे, लेकिन कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही उनके काफिले को रोक लिया। प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी करते रहे। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, मगर बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिले में बार-बार एक ही वर्ग से व्यक्ति को जिला अध्यक्ष बनाया जा रहा है, जिससे सामाजिक संतुलन बिगड़ गया है।

राहुल गांधी के सिद्धांत को दरकिनार करने का आरोप

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पार्टी ने राहुल गांधी के उस सिद्धांत की अनदेखी की है, जिसमें कहा गया था “जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी भागीदारी।” नेताओं ने आरोप लगाया कि जिला अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में स्थानीय स्तर की रिपोर्टों को नज़रअंदाज कर पैसे और दबाव के आधार पर निर्णय लिया गया है। उन्होंने राज्य नेतृत्व से मांग की कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और उन कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाए जो वर्षों से पार्टी के साथ खड़े हैं और जमीनी स्तर पर संगठन को मज़बूती दे रहे हैं। दूसरी ओर, झारखंड कांग्रेस प्रभारी के. राजू ने कहा कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति एक पारदर्शी और विधिसम्मत प्रक्रिया के तहत की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी वर्गों और समुदायों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर ही सूची तैयार की गई है और कांग्रेस एकजुट होकर संगठन को मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है।

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Congress Jharkhand rahul gandhi
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