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रांची वाईबीएन डेस्क : कुड़मी समाज ने एक बार फिर अपनी आवाज़ बुलंद करने की ठान ली है। आदिवासी दर्जे की मांग को लेकर 20 सितंबर को झारखंड, बंगाल और ओडिशा में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की गई है। इस दौरान रेलवे ट्रैक जाम करने और बड़े पैमाने पर विरोध की संभावना जताई जा रही है।
पुलिस ने खींची सुरक्षा की रूपरेखा
आंदोलन के ऐलान के बाद प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। झारखंड पुलिस ने अतिरिक्त बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती का आदेश दिया है। मुरी, गोमो, चांडिल, घाघरा, नीमडीह, हंसडीहा, छोटा गम्हरिया, डुमरी, पारसनाथ और गंजिया बराज जैसे संवेदनशील स्टेशनों को फोकस किया गया है। लक्ष्य यह है कि किसी भी तरह की हिंसा या अव्यवस्था को रोका जा सके और आम यात्रियों को दिक़्क़त न हो।
क्यों कर रहे हैं कुड़मी समाज विरोध
कुड़मी समुदाय लंबे समय से खुद को जनजातीय दर्जा दिलाने की मांग कर रहा है। फिलहाल वे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की श्रेणी में आते हैं। समाज का कहना है कि आदिवासी मान्यता नहीं मिलने से शिक्षा, नौकरी और आरक्षण में उन्हें वंचित होना पड़ता है। इसी मुद्दे को लेकर पहले भी कई बार रेल पटरी जाम और धरना-प्रदर्शन हो चुके हैं। हाल ही में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी उन्होंने अपनी ताक़त दिखाई थी।
प्रशासन की चुनौती
20 सितंबर का आंदोलन सरकार और पुलिस दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। जहां प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों और ट्रैक पर उतरेंगे, वहीं प्रशासन का मकसद कानून-व्यवस्था बनाए रखना होगा।