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रांची,वाईबीएन डेस्क : आदिवासी कुड़मी समाज मंच के आह्वान पर शनिवार तड़के से झारखंड के कई जिलों में रेल चक्का जाम शुरू हो गया है। बोकारो, रांची, गिरिडीह समेत राज्य के कई छोटे रेलवे स्टेशनों पर आंदोलनकारियों ने ट्रैक पर कब्जा कर लिया है, जिससे ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
रांची और मूरी में रेलवे पटरियों पर हंगामा
रांची के राय स्टेशन पर सुबह दर्जनों लोग नारेबाजी करते हुए रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। मूरी स्टेशन के पास भी भारी संख्या में लोग जुटे हैं। कुड़मी समाज की यह पुरानी मांग है कि उन्हें आदिवासी दर्जा दिया जाए। कई छोटे स्टेशनों पर ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारियों के कारण प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
पुलिस और सुरक्षा बल की तैनाती
कुड़मी बहुल इलाकों में शुक्रवार रात से पुलिस ने बैरिकेडिंग की कोशिश की, ताकि लोग रेलवे स्टेशनों तक न पहुँचें। इसके बावजूद सुबह होते-होते लोग बड़ी संख्या में ट्रैक तक पहुँच गए। सरायकेला-खरसांवा जिले के सोनी स्टेशन पर हजारों की भीड़ ने रेल चक्का जाम में भाग लिया। आरपीएफ और जिला पुलिस की पूरी ताकत 350 से अधिक जवानों के साथ तैनात की गई, लेकिन भीड़ ने ट्रैक खाली करने में प्रशासन को चुनौती दी।
अन्य स्टेशन भी प्रभावित
चांडिल, नीमडीह, हैसालोंग, झीमड़ी, तिरूलडीह और लेटमदा स्टेशन पर भी लोग ट्रैक पर बैठे हैं। प्रशासन लगातार अपील कर रहा है कि लोग शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करें और रेल परिचालन बाधित न करें।
रेल परिचालन पर असर
सूत्रों के अनुसार, इस चक्का जाम के कारण कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। कुछ ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग से चलाया जा रहा है जबकि कई को स्टेशनों पर रोक दिया गया है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही हालात को नियंत्रण में लाने की कोशिश जारी है।
यात्रियों के लिए चेतावनी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यात्रियों से रेलवे स्टेशनों पर जाने से बचने और रेलवे अपडेट चेक करने की सलाह दी जा रही है। कुड़मी समाज का यह आंदोलन राज्य में राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।