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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड पुलिस की वीरता और रणनीतिक कौशल को एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में नक्सल विरोधी मोर्चे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले आईपीएस अमोल वेणुकांत होमकर को दक्षता पदक (Excellence Medal) से सम्मानित किया है। इसी के साथ झारखंड पुलिस के 13 अन्य अधिकारियों और जवानों को भी यह पदक प्रदान किया गया है। यह सम्मान राज्य पुलिस बल के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। लगातार नक्सल उन्मूलन अभियानों में निर्णायक सफलता के बाद झारखंड पुलिस को देशभर में एक नई पहचान मिली है।
31 अक्टूबर को घोषित हुई पदक सूची
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह पदक सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) के अवसर पर घोषित किया। यह सम्मान हर साल उन पुलिस अधिकारियों को दिया जाता है जिन्होंने विशेष अभियान, जांच कार्य या सुरक्षा मोर्चे पर उत्कृष्ट योगदान दिया हो। इस वर्ष झारखंड पुलिस की बहादुरी को विशेष रूप से नोट किया गया।
सम्मानित होने वाले अधिकारी
इस सूची में आईपीएस और पुलिस बल के कई वरिष्ठ और जांबाज जवान शामिल हैं आईपीएस अमोल वेणुकांत होमकर, आईपीएस माइकल राज, आईपीएस इंद्रजीत महता, आईपीएस सुरेंद्र कुमार झा, आईपीएस मनोज स्वर्गियरी, डिप्टी कमांडेंट मिथिलेश कुमार, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार और मंटू कुमार, कांस्टेबल दीनबंधु शेखर, पारस कुमार वर्मा, विकास कर्मकार, भागीरथ रजवार, शिवनंदन हांसदा और अजय मेहता।
जनवरी 2025 में शुरू हुआ था बड़ा अभियान
जनवरी 2025 में झारखंड पुलिस ने एक विशेष रणनीति के तहत बड़े पैमाने पर नक्सल सफाई अभियान शुरू किया था। इस ऑपरेशन के तहत अप्रैल 2025 में आठ नक्सली मार गिराए गए, जिनमें एक करोड़ का इनामी उग्रवादी विवेक भी शामिल था। यह पहली बार था जब झारखंड पुलिस ने इतने कम समय में इतनी बड़ी सफलता दर्ज की। इस अभियान की योजना और कमान आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर के नेतृत्व में बनी थी। इससे पहले 21 जनवरी 2025 को बोकारो के लुगु पहाड़ क्षेत्र में दो माओवादियों को ढेर किया गया था, वहीं 15 लाख का इनामी रणविजय महतो भी इसी अभियान में गिरफ्तार किया गया।
झुमरा और पारसनाथ अभियान बना झारखंड पुलिस की मिसाल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, झुमरा और पारसनाथ में चला यह अभियान राज्य के नक्सल इतिहास में एक “टर्निंग पॉइंट” साबित हुआ। इस ऑपरेशन की तैयारी दो महीने पहले से की गई थी। झारखंड के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों ने मिलकर इस अभियान को ज़मीन पर उतारा, जिसके बाद झारखंड के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में लाल आतंक की पकड़ कमजोर पड़ी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सराहा झारखंड मॉडल
राज्य पुलिस की इस सफलता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड पुलिस की सामरिक योजना, खुफिया समन्वय और अभियान निष्पादन क्षमता की तारीफ की है। मंत्रालय ने रिपोर्ट में लिखा है कि झारखंड पुलिस का यह अभियान “अभियान दक्षता और राष्ट्रीय सुरक्षा के आदर्श उदाहरणों में से एक” है। गृह मंत्रालय ने इन सभी 14 अधिकारियों को उनके योगदान के लिए दक्षता पदक देकर सम्मानित करने का निर्णय लिया।
पुलिस बल में उत्साह का माहौल
सम्मान की घोषणा के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में खुशी और गर्व का माहौल है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरी झारखंड पुलिस टीम की मेहनत का परिणाम है। आईपीएस अमोल होमकर ने कहा, “यह सम्मान पूरी टीम के लिए है। हमारे जवानों ने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी हौसला नहीं छोड़ा। यह सफलता उन्हीं की है।”
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