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रांची वाईबीएन डेस्क : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मंत्रिपरिषद की सलाह पर संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को बुलाने की मंजूरी दे दी है। इस अनुमोदन के साथ ही विधानसभा सचिवालय ने सत्र का विस्तृत औपबंधिक कार्यक्रम जारी कर दिया है। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सत्र 5 दिसंबर से आरंभ होकर 11 दिसंबर तक चलेगा। सत्र को लेकर 19 नवंबर से ही विधानससभा सदस्य अपने प्रश्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से जमा कर सकेंगे। कुल पांच कार्यदिवसीय सत्र में चार दिनों का प्रश्नकाल तय किया गया है। वहीं, सरकार इस बार वित्तीय वर्ष 2025–26 के द्वितीय अनुपूरक बजट को 8 दिसंबर को सदन में प्रस्तुत करेगी। अधिकारियों के मुताबिक यह सत्र कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्य, विधान और वित्तीय प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के लिहाज से खास माना जा रहा है।
पहले दिन शोक प्रस्ताव और नवनिर्वाचित विधायक का शपथ ग्रहण
सत्र की शुरुआत 5 दिसंबर को शोक प्रस्ताव के साथ होगी, जिसमें सदन राज्य के दिवंगत जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। इसी दिन घाटशिला से हाल ही में निर्वाचित विधायक सोमेश चंद्र सोरेन को भी सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई जा सकती है। यह सीट उनके पिता दिवंगत रामदास सोरेन के निधन से रिक्त हुई थी, जिसके उपचुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को पराजित करते हुए जीत दर्ज की। शपथ ग्रहण के बाद सत्रावधि के दौरान जारी सभी अध्यादेशों की प्रमाणित प्रतियां सदन के पटल पर रखी जाएंगी। 6 और 7 दिसंबर को क्रमशः शनिवार एवं रविवार होने के कारण सदन की कार्यवाही नहीं होगी और दोनों दिन अवकाश रहेगा। सदन के सूत्रों के मुताबिक पहले दिन की औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद अगले दिनों में विधायी कार्यों की गति तेज होने की संभावना है।
8 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश, 9 दिसंबर को चर्चा और मतदान
सरकार 8 दिसंबर को प्रश्नकाल समाप्त होने के उपरांत वर्ष 2025–26 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में पेश करेगी। इस बजट में राज्य की प्राथमिक योजनाओं, लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों और तात्कालिक वित्तीय जरूरतों के लिए अतिरिक्त प्रावधान शामिल हो सकते हैं। 9 दिसंबर को प्रश्नकाल और शून्यकाल के बाद बजट पर सामान्य वाद–विवाद होगा, जहां सभी दलों के विधायक अपनी बात रखेंगे। इसके बाद अनुपूरक बजट पर मतदान कराया जाएगा और विनियोग विधेयक सदन की सहमति से पारित किया जाएगा। 10 और 11 दिसंबर को सदन में प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयकों और विभिन्न विभागीय कार्यों का निपटारा किया जाएगा। सत्र के अंतिम दिन 11 दिसंबर को गैर–सरकारी संकल्पों पर भी चर्चा और निर्णय होगा। विधायी मामलों की दृष्टि से यह सत्र संक्षिप्त होने के बावजूद काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सरकार कई लंबित कार्यसूचियों को इसी अवधि में पूरा करना चाहती है।
Governor Santosh Gangwar | Mla | Jharkhand
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