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रांची,वाईबीएन डेस्क : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने बहुचर्चित मीना कुमारी मामला एक बार फिर न्यायिक बहस के केंद्र में ला दिया है। आयोग ने झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ अब अपील दायर की है।
केवल कुछ अभ्यर्थियों को बनाया गया पक्षकार
सूत्रों के अनुसार, जेएसएससी ने अपनी अपील में केवल मीना कुमारी और कुछ अन्य अभ्यर्थियों को ही पक्षकार बनाया है। इस फैसले से कई अन्य उम्मीदवार असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि मामला केवल एक व्यक्ति से जुड़ा नहीं है, बल्कि पूरी भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।
64 अभ्यर्थियों ने दाखिल की हस्तक्षेप याचिका
इसी क्रम में, नीरज कुमार सहित 64 अभ्यर्थियों ने झारखंड हाईकोर्ट में इंटरलोकटरी एप्लीकेशन फॉर इंटरवेंशन दाखिल किया है। यह आवेदन अधिवक्ता चंचल जैन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। अभ्यर्थियों का कहना है कि यदि कोर्ट केवल मीना कुमारी के पक्ष को ही सुनेगा, तो न्याय अधूरा रह जाएगा। इसलिए न्यायहित में सभी प्रभावित अभ्यर्थियों को सुना जाना जरूरी है।
हजारों उम्मीदवारों के भविष्य पर असर
याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह विवाद सिर्फ मीना कुमारी के अधिकार तक सीमित नहीं है। इससे जुड़ी भर्ती प्रक्रिया में हजारों उम्मीदवारों के भविष्य पर असर पड़ सकता है। वे चाहते हैं कि न्यायालय व्यापक दृष्टिकोण अपनाए और सभी पक्षों की सुनवाई कर सही निर्णय दे।
वन मैन कमिटी पर भी उठे सवाल
गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपने पूर्व आदेश में 2034 पदों को याचिकाकर्ताओं द्वारा भरे जाने का निर्देश दिया था। साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए वन मैन फाइंडिंग कमिटी गठित करने का आदेश भी दिया गया था। आयोग ने इस फैसले पर असहमति जताते हुए कहा है कि यह निर्णय भर्ती नियमों के अनुरूप नहीं है।
आयोग की अपील पर सभी की नजर
अब यह मामला पुनः झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष है। आयोग की अपील पर जल्द सुनवाई की संभावना है। राज्य भर के अभ्यर्थी इस पर होने वाले फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि यह निर्णय हजारों उम्मीदवारों के भविष्य को प्रभावित करेगा।