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रांची वाईबीएन डेस्क । बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हार-जीत चाहे किसी की भी हो, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लिए यह चुनाव ऐतिहासिक साबित हो सकता है। इस चुनाव के साथ झामुमो पहली बार झारखंड से बाहर औपचारिक रूप से चुनावी मैदान में उतरने जा रही है, जिससे उसकी राष्ट्रीय पार्टी बनने की दिशा में शुरुआत मानी जा रही है।
सीट बंटवारे पर सहमति, झामुमो को मिल सकती हैं दो सीटें
सूत्रों के अनुसार, बिहार में विपक्षी इंडी गठबंधन के अंदर सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन चुकी है। राजद ने अपने कोटे से झामुमो और रालोजपा को कुल पांच सीटें देने पर हामी भरी है इनमें झामुमो को दो और रालोजपा को तीन सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, झामुमो ने अभी तक इस प्रस्ताव पर अंतिम सहमति नहीं दी है। पार्टी ने 7 अक्टूबर को बिहार चुनाव में अपनी हिस्सेदारी को लेकर औपचारिक दावा पेश करने का निर्णय लिया है। झामुमो की ओर से मंत्री सुदिव्य सोनू और महासचिव विनोद कुमार पांडेय को पटना भेजा गया है, जो महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के समक्ष पार्टी का पक्ष रखेंगे।
सीमावर्ती जिलों पर फोकस, 12 सीटों की मांग
झामुमो ने बिहार के झारखंड सीमा से सटे 12 विधानसभा क्षेत्रों पर दावेदारी जताई है, जिनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई सीटें शामिल हैं। पार्टी का तर्क है कि इन इलाकों में पहले से उसका जनाधार रहा है और कई सीटों पर उसके उम्मीदवारों को अच्छा जनसमर्थन भी मिला है। झामुमो का मानना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में उसकी भागीदारी से महागठबंधन को मजबूती और संगठन को विस्तार मिलेगा। राष्ट्रीय पार्टी बनने की राह पर झामुमो वर्तमान में झामुमो झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी है और राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त है। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने के लिए कम-से-कम चार राज्यों में राज्य स्तरीय मान्यता हासिल करनी होती है। यदि झामुमो बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में 6 प्रतिशत वोट शेयर और न्यूनतम दो सीटें जीतने में सफल रहती है, तो राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का रास्ता खुल सकता है।
झामुमो का लक्ष्य अधिक सीटों पर जीत : विनोद पांडेय
झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा, “हर राजनीतिक दल चाहता है कि उसका विस्तार हो और वह राष्ट्रीय पार्टी बने। झामुमो भी उसी दिशा में काम कर रही है। बिहार, उड़ीसा, बंगाल, असम, तमिलनाडु हर जगह पार्टी ने उपस्थिति दर्ज की है। पहले भी उड़ीसा में हमारे छह विधायक और एक सांसद हुआ करते थे। अब बिहार में झामुमो की भूमिका निर्णायक होगी।