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सीबीआई जांच की मांग पर हाईकोर्ट में गूंजा जेएसएससी -सीजीएल पेपर लीक प्रकरण, अभ्यर्थियों की उम्मीदें अब 30 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी

जेएसएससी -सीजीएल परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में दो घंटे से अधिक चली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने सीबीआई जांच की मांग रखी। राज्य सरकार और आयोग की ओर से जवाबी दलील दी गई कि जांच राज्य स्तर पर ठीक ढंग से चल रही है।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) में कथित पेपर लीक विवाद को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को जोरदार सुनवाई हुई। इस मामले में अभ्यर्थियों की ओर से सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के बीच लंबी कानूनी बहस चली, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 30 अक्टूबर तय कर दी है। 

सीबीआई जांच की मांग पर लंबी बहस

 करीब दो घंटे तक चली इस सुनवाई में याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिंहा ने अदालत के समक्ष अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं और कई अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। उन्होंने यह भी दलील दी कि राज्य एजेंसियां इस तरह के गंभीर प्रकरण में निष्पक्ष जांच नहीं कर पा रही हैं, इसलिए सीबीआई जांच ही पारदर्शिता का एकमात्र रास्ता है। 

राज्य सरकार और आयोग का पक्ष

 वहीं, राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने और आयोग की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने पक्ष रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि जांच राज्य स्तर पर नियमों के अनुरूप चल रही है और सभी बिंदुओं पर गंभीरता से कार्रवाई की जा रही है। राज्य की ओर से कहा गया कि बिना ठोस साक्ष्य के सीबीआई जांच की मांग तर्कसंगत नहीं है।

 रिजल्ट पर रोक जारी, अगली सुनवाई पर टिकी नजरें

कोर्ट ने बहस सुनने के बाद फिलहाल परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर लगी रोक (स्टे) को बरकरार रखा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक मामला पूरी तरह से नहीं सुना जाता, तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता। साथ ही यह भी तय किया गया कि गुरुवार यानी 31 अक्टूबर को यह केस पहले नंबर पर सूचीबद्ध रहेगा, ताकि सुनवाई में कोई देरी न हो। इस मामले को लेकर अभ्यर्थियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। कई छात्रों ने कहा है कि लंबे इंतजार और अनिश्चितता के कारण उनकी तैयारी और करियर पर असर पड़ा है। उनका कहना है कि अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह युवाओं के विश्वास पर गहरा आघात होगा। अब सबकी निगाहें 30 अक्टूबर की सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह तय हो सकता है कि क्या JSSC-CGL पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी या राज्य एजेंसियां ही इसे आगे बढ़ाएंगी। अदालत के इस आदेश का असर राज्य के हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य पर पड़ेगा।

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