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रांची,वाईबीएन डेस्क : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) पेपर लीक मामले में मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में करीब डेढ़ घंटे तक सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई बुधवार को भी जारी रखने का निर्देश दिया। साथ ही, परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर लगी रोक को यथावत रखा।
सरकार और आयोग का पक्ष
राज्य सरकार और जेएसएससी की ओर से अदालत को बताया गया कि परीक्षा 22 सितंबर को हुई थी, जबकि याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत फोटो और दस्तावेज 23 सितंबर के हैं। इससे यह साबित नहीं होता कि पेपर परीक्षा से पहले लीक हुआ था। सरकार और आयोग ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास लीक के ठोस सबूत नहीं हैं।
याचिकाकर्ता की दलील
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्नपत्रों का हवाला देते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के भविष्य और परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई जांच आवश्यक है।
अगली सुनवाई पर निगाहें
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा, जबकि जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल और याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने दलीलें दीं। अब पूरे राज्य की निगाहें बुधवार को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं।