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रांची वाईबीएन डेस्क: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग पर झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले को अब 15 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है।
रिजल्ट पर रोक बरकरार
सुनवाई के दौरान सफल अभ्यर्थियों, राज्य सरकार और जेएसएससी की ओर से अदालत से रिजल्ट प्रकाशन पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया गया। पक्षकारों का कहना था कि निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में न लटका रहे। लेकिन हाईकोर्ट ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक जांच पूरी तरह पारदर्शी नहीं होती, तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।
सीआईडी से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
अदालत ने राज्य सरकार और सीआईडी को निर्देश दिया है कि अब तक की जांच की अद्यतन स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत की जाए। कोर्ट ने कहा कि पूरे मामले की गहनता से जांच होनी जरूरी है, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
पक्षकारों की दलीलें
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा। जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने बहस की। वहीं सफल अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर और प्रार्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार ने अपनी दलीलें रखीं।