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रांची वाईबीएन डेस्क : आज से शुरू होने वाला कुड़मी समाज का “रेल टेका–डहर छेका” आंदोलन रेलवे संचालन पर बड़ा संकट खड़ा कर सकता है। झारखंड, बंगाल और ओड़िशा तीनों राज्यों में रेल सेवाएं बाधित होने की आशंका है। आंदोलनकारियों की योजना है कि प्रमुख रेलमार्गों को जाम किया जाए, जिससे लंबी दूरी की ट्रेनें प्रभावित हों।
मुख्य मार्गों पर 100 से ज्यादा ट्रेनें रुक सकती हैं
रेलवे सूत्रों ने बताया कि इस आंदोलन का असर 100 से ज्यादा ट्रेनों पर पड़ सकता है। चक्रधरपुर मंडल में अकेले 40 से अधिक ट्रेनें बाधित होने की संभावना है। खासकर हावड़ा–मुंबई, ओड़िशा–दिल्ली और टाटानगर से यूपी-बिहार जाने वाली ट्रेनें ज्यादा प्रभावित होंगी। धनबाद मंडल में पारसनाथ, प्रधानखंटा और चंद्रपुरा जंक्शन पर रोक की योजना बनाई गई है।
चक्रधरपुर, रांची मंडल के स्टेशन बने केंद्र बिंदु
चक्रधरपुर मंडल के गम्हरिया, सीनी, कांड्रा, बृजराजपुर, सोनुवा और मनोहरपुर जैसे स्टेशन आंदोलन का केंद्र हो सकते हैं। वहीं टाटानगर–खड़गपुर सेक्शन में चाकुलिया, गलूडीह और कोकपाड़ा पर बाधा की संभावना है। रांची मंडल ने मूरी, टाटीसिलवे, मेसरा, खलारी, बड़काकाना और पारसनाथ सहित 40 स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
आरपीएफ-जीआरपी अलर्ट, धारा 144 लागू
रेलवे और जिला प्रशासन ने आंदोलन को देखते हुए अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। रांची मंडल ने रीयल-टाइम मॉनिटरिंग शुरू कर दी है, जबकि चक्रधरपुर में आरपीएफ और जीआरपी अलर्ट पर हैं। कई क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है और स्टेशनों पर ड्रोन व सीसीटीवी निगरानी की जा रही है।
संचालन-योजना मैदानी स्थिति पर तय होगी
रेलवे अधिकारियों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर ट्रेनों को डायवर्ट या अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। अंतिम निर्णय आंदोलन की तीव्रता और मैदानी परिस्थितियों को देखकर लिया जाएगा। आने वाले दिनों में लाखों यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।