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चाईबासा, नई दिल्ली : झारखंड के चर्चित लांजी जंगल ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने करीब चार साल से फरार चल रहे माओवादी सावन उर्फ सबन टूटी को केरल से गिरफ्तार कर लिया है। यह वही नक्सली है जिस पर 2021 में चाईबासा जिले के टोकलो थाना क्षेत्र में हुए आईईडी धमाके को अंजाम देने का आरोप है, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।
केरल के मुन्नार इलाके से दबोचा गया नक्सली
एनआईए की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर केरल के इडुक्की जिले के मुन्नार क्षेत्र में छापेमारी की। इस दौरान सावन टूटी को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान एजेंसी को उसके पास से मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, और संगठन से जुड़े अहम दस्तावेज मिले हैं। सावन टूटी झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले का रहने वाला बताया गया है और 2021 के बाद से फरार चल रहा था। एनआईए लंबे समय से उसकी लोकेशन ट्रेस कर रही थी, लेकिन वह बार-बार राज्य बदलकर छिपता रहा।
आईईडी ब्लास्ट में थी सक्रिय भूमिका
चार मार्च 2021 को चाईबासा जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी गांव स्थित पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर आईईडी ब्लास्ट किया था। यह हमला इतना शक्तिशाली था कि मौके पर ही झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गए थे और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस ब्लास्ट में नक्सलियों ने पारंपरिक तकनीक की जगह डायरेक्शनल लैंडमाइन का इस्तेमाल किया था, जो पुलिस के लिए नया और घातक तरीका साबित हुआ।
एनआईए ने केस संभालते ही शुरू की गहन जांच
घटना के बाद एनआईए ने झारखंड सरकार के अनुरोध पर केस अपने हाथ में लिया और टोकलो थाना कांड संख्या को आरसी 02/2021 के रूप में दर्ज किया। एजेंसी ने साक्ष्यों के आधार पर नक्सल कमांडर अनल दा उर्फ पतिराम मांझी को मुख्य साजिशकर्ता बताया था।
अनल दा पर पहले से ही एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है।
33 नामजद और 25 अज्ञात नक्सली आरोपी एनआईए ने जांच में अब तक कुल 33 नक्सलियों को नामजद आरोपी बनाया है। इनमें अनल दा, महाराजा प्रमाणिक, आपतन मांझी, चंपा, मेरिना सिरका, भुवनेश्वर, विमला लोहरा, रेला माला, सूरज सरदार, सुनिया मुंडा, सरिता, गीता, मनोज मुंडा, रोशन बोडरा, बुधराम मुंडा, मांगकर मुंडा, संजू, सुली कंडिर, संतोष उरांव और सावन टूटी शामिल हैं। इसके अलावा एजेंसी ने करीब 20 से 25 अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिनकी पहचान जारी है।
शहीद जवानों को दी गई थी राजकीय श्रद्धांजलि
लांजी ब्लास्ट में झारखंड जगुआर के तीन बहादुर जवान कांस्टेबल हरिद्वार साह, कांस्टेबल किरण सोरेन और हेड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार पंडित वीरगति को प्राप्त हुए थे। राज्य सरकार ने तीनों शहीदों के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। उस समय यह घटना पूरे राज्य में आक्रोश का विषय बनी थी और सुरक्षा एजेंसियों पर नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान का दबाव बढ़ा था
एनआईए की रणनीति और आगे की कार्रवाई
सावन टूटी की गिरफ्तारी को एनआईए बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि उसके जरिए अब संगठन की आंतरिक गतिविधियों, फंडिंग और स्थानीय नेटवर्क की जानकारी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी अब यह जांच रही है कि फरारी के दौरान टूटी ने किन-किन राज्यों में शरण ली थी और किसने उसे मदद पहुंचाई। जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
एनआईए ने जारी किया बयान
एजेंसी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि “लांजी ब्लास्ट केस देश की सुरक्षा एजेंसियों पर हमले का गंभीर उदाहरण था। फरार अभियुक्त सावन टूटी की गिरफ्तारी से जांच को नई दिशा मिलेगी। हम माओवादी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
स्थानीय स्तर पर नक्सल गतिविधियों पर नजर
झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों ने सरायकेला, पश्चिम सिंहभूम और खूंटी जिले के कई इलाकों में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि एनआईए की गिरफ्तारी से नक्सली संगठन का मनोबल कमजोर हुआ है और कई स्थानीय कार्यकर्ता अब सरेंडर पर विचार कर रहे हैं। (समापन) एनआईए की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि लांजी ब्लास्ट जैसे संगठित हमलों में शामिल नक्सलियों को अब कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी। सावन टूटी की गिरफ्तारी ने यह भी साबित किया है कि एजेंसी लगातार तकनीकी और खुफिया दोनों स्तरों पर नक्सली तंत्र को तोड़ने में सफल हो रही है।