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झामुमो-कांग्रेस की चुप्पी महिला सुरक्षा पर दोहरा मापदंड उजागर करती है : राफिया नाज़

दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज में छात्रा से हुए दुष्कर्म पर राफिया नाज़ ने झामुमो-कांग्रेस की चुप्पी को कायरता और दोहरे मापदंड का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जबकि झारखंड में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं।

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज में छात्रा से दुष्कर्म मामले पर राफिया नाज़ ने झामुमो-कांग्रेस की चुप्पी को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि बंगाल से लेकर झारखंड तक INDI गठबंधन की सरकारें महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं।

 बंगाल में फिर शर्मनाक वारदात, ममता सरकार पर निशाना

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस पर भाजपा नेत्री राफिया नाज़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “यह वही बंगाल है जहां कुछ ही समय पहले आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ दरिंदगी हुई थी और अब दुर्गापुर में एक और बेटी को हवस का शिकार बनाया गया है।” राफिया ने ममता बनर्जी के उस बयान की तीखी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि “बेटियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए।” उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि अपराधियों को संरक्षण देने जैसा है।

 INDI गठबंधन की सरकारों पर तंज ‘महिला सुरक्षा सिर्फ़ नारा रह गया

 ’ राफिया नाज़ ने कहा कि बंगाल की तरह झारखंड में भी INDI गठबंधन की सरकार महिला सुरक्षा के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023-24 के आंकड़े उद्धृत करते हुए कहा कि झारखंड में बलात्कार और प्रयास के 1,521, छेड़छाड़ के 2,217 और दहेज उत्पीड़न के 4,815 मामले दर्ज हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह डेटा स्पष्ट करता है कि झारखंड की हेमंत सोरेन–कांग्रेस सरकार में बेटियां असुरक्षित हैं, जबकि सत्ता पक्ष महिला सुरक्षा पर केवल भाषण देता है।”

 महिला आयोग ठप्प, न्याय के लिए महिलाएं तरस रहीं

राफिया नाज़ ने यह भी कहा कि झारखंड महिला आयोग पिछले पांच वर्षों से निष्क्रिय पड़ा है। पूर्व अध्यक्ष का कार्यकाल जून 2020 में समाप्त हुआ और तब से आयोग में कोई नियुक्ति नहीं हुई। उन्होंने बताया कि “राज्य में 5,000 से अधिक महिला उत्पीड़न के मामले लंबित हैं, लेकिन JMM और कांग्रेस गठबंधन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह उनकी महिला विरोधी मानसिकता का प्रमाण है।” राफिया ने बंगाल सरकार से दोषियों को शीघ्र कड़ी सजा देने और झारखंड सरकार से महिला आयोग के पुनर्गठन की मांग की। साथ ही पूछा कि “महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर रोक के लिए आखिर कब ठोस कदम उठाए जाएंगे?”

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