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पूर्व राज्य्पाल रघुवर दास
रांची वाइबेन डेस्क: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता कर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के रहते भी राज्य का आदिवासी समाज पेसा कानून से वंचित है और नगर निकाय चुनाव न कराकर पिछड़ा वर्ग भी अपने अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
पेसा कानून लागू करने में हेमंत सरकार की उदासीनता
दास ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पेसा कानून लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की थी, लेकिन मौजूदा सरकार ने जानबूझकर इसे रोक दिया। पेसा नियमावली के तहत ग्राम सभाओं को लघु खनिज, बालू, पत्थर, तालाब और केंदू पत्ता जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर प्रबंधन का अधिकार मिलना था। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य संसाधनों को बिचौलियों और दलालों के हवाले कर मुख्यमंत्री की तिजोरी भरना है। दास ने कहा कि अदालत ने भी पेसा कानून की भावना को देखते हुए बालू घाट नीलामी पर रोक लगाई है, लेकिन सरकार नियमावली लागू करने में देरी कर रही है।
नगर निकाय चुनाव टालकर पिछड़ों को वंचित किया जा रहा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव कराने से बच रही है। इसके चलते न तो शहरी विकास हो रहा है और न ही गांवों का। उन्होंने दावा किया कि चुनाव न होने के कारण राज्य हर साल 1800 करोड़ रुपये के केंद्रीय अनुदान से वंचित हो रहा है। साथ ही, ट्रिपल टेस्ट पूरा न करके सरकार जानबूझकर पिछड़े वर्ग को आरक्षण और उनके अधिकारों से वंचित रख रही है।
दलाल, माफिया और विदेशी ताकतों के दबाव में सरकार
दास ने हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार दलालों, माफिया और विदेशी ताकतों के दबाव में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्यायालय को भी गुमराह किया और खनिज संसाधनों में हजारों करोड़ की लूट की है। भाजपा नेता ने चेतावनी दी कि यदि आदिवासी, पिछड़ा और दलित समाज सड़क पर उतर गया, तो हेमंत सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तुरंत पेसा कानून लागू करे और नगर निकाय चुनाव कराए।