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रांची वाईबीएन डेस्क: राजधानी रांची के कांटा टोली स्थित चांदनी मैदान इलाके में एक दलित परिवार की जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। छोटे राम का परिवार लगभग सौ वर्षों से इसी स्थान पर रह रहा है, लेकिन अब कुछ प्रभावशाली लोगों पर उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगा है। 28 सितंबर को कथित तौर पर दबंगों ने छोटे राम के घर पर बुलडोजर चलवाकर निर्माण कार्य कराया और परिवार की निजी संपत्ति पर सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए। पीड़ित परिवार का कहना है कि इस कार्रवाई में स्थानीय पुलिसकर्मियों की मिलीभगत है, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया।
पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात
मामले के बाद पूर्व मंत्री और भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी ने कांटा टोली पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह घटना सामाजिक न्याय व्यवस्था पर गहरा प्रहार है और इसमें निष्पक्ष जांच आवश्यक है। बाउरी ने रांची उपायुक्त से त्वरित कार्रवाई की मांग की है और कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक किसी भी पक्ष को निर्माण या कब्जे की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
अन्य जिलों में भी दलितों के बेघर होने की घटनाएं
यह पहला मामला नहीं है जब झारखंड में दलित परिवारों को उनकी जमीन से बेदखल करने की कोशिश की गई हो। जामताड़ा के चिरुडीह और पलामू के मुरुमातु में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। सामाजिक संगठनों और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं कमलेश राम, उपेंद्र रजक और प्रदीप रामने कहा कि राज्य सरकार दलितों के अधिकारों की रक्षा का दावा करती है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अब पूरा दलित समाज और नागरिक संगठनों की नजर प्रशासन पर है कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।