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राजधानी रांची में दुर्गा पूजा का उत्सव, सैकड़ों पंडालों में कला और श्रद्धा का संगम

राजधानी रांची में दुर्गा पूजा का भव्य उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। पूरे शहर में सैकड़ों पंडाल सजाए गए हैं, जिनमें आठ-दस प्रमुख पंडाल श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हैं। बंगाल और राजस्थान से आए हजारों कारीगरों ने इन पंडालों को अद्वितीय थी

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क : रांची शहर इस समय दुर्गा पूजा के भव्य उत्सव में डूबा हुआ है। सैकड़ों पंडालों की भव्य सजावट, हजारों कारीगरों की मेहनत और श्रद्धालुओं का जोश इस पर्व को खास बना रहा है। आठ-दस प्रमुख पंडाल पूरे शहर में आकर्षण का केंद्र बने हैं, जिन पर लाखों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे हैं।

सैकड़ों पंडालों की भव्य सजावट 

रांची में इस बार दुर्गा पूजा की भव्यता चरम पर है। पूरे शहर में लगभग सैकड़ों पंडाल सजाए गए हैं। चंद्रशेखर दुर्गा पूजा समिति, बकरी बाजार, रामलला दुर्गा पूजा समिति, रातू रोड दुर्गा मंदिर, अरगोड़ा, हरमू पंचमुखी मंदिर जैसे आठ-दस पंडाल विशेष आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन पंडालों में आधुनिक सजावट के साथ-साथ पारंपरिक संस्कृति का सुंदर मिश्रण देखने को मिल रहा है। यह आयोजन करीब 50 करोड़ रुपये की लागत से सम्पन्न हुआ है। 

कारीगरों का अद्भुत योगदान

पूजा पंडालों की सुंदरता में बंगाल, कोलकाता, मेदनीपुर, मुर्शिदाबाद, हल्दिया, झालदा-पुरूलिया और राजस्थान के हजारों कारीगरों का योगदान है। इन कलाकारों ने कड़ी मेहनत कर करीब 200 से अधिक पंडालों को भव्य मंदिर रूप में सजा दिया है। उनकी कला ने न केवल पंडालों को सजाया बल्कि इस पर्व को दर्शनीय बना दिया है। 

थीम आधारित पंडाल और सांस्कृतिक झलकियां

 इन पंडालों में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक थीम को प्रस्तुत किया गया है। कुछ पंडालों में राजस्थानी महल, तिरुपति बालाजी मंदिर, अंकोरवाट मंदिर (कंबोडिया) और स्वामी नारायण मंदिर की झलक देखने को मिल रही है। वहीं, कुछ पंडालों में किताबों और शिक्षा की महत्ता को चित्रित किया गया है। बंगाल की पारंपरिक झांकियां श्रद्धालुओं को भावविभोर कर रही हैं। इस रंगारंग आयोजन में कला और संस्कृति का अद्वितीय संगम देखने को मिल रहा है।

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