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रांची, वाईबीएन डेस्क : शारदीय नवरात्र को लेकर राजधानी के पंडालों की रौनक अब दिखाई देने लगी है। इसी कड़ी में अपर बाजार स्थित शक्ति स्रोत दुर्गा पूजा समिति ने इस बार अपने पंडाल को ऐतिहासिक स्वरूप दिया है। यहां बन रहा किलानुमा पंडाल महाराणा प्रताप की वीरता और हल्दीघाटी युद्ध की झलक दिखाएगा।
राजस्थान की वीर भूमि का अहसास
पंडाल तैयार कर रहे कलाकार अजय वर्मा ने बताया कि यहां प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को राजस्थान की वीर भूमि का अनुभव होगा। युद्ध के दृश्य, ऊंट, घोड़े, हाथी और सैनिकों की झलक देखने को मिलेगी। खास बात यह है कि कई दृश्य चलंत रूप में होंगे, जो भक्तों और बच्चों को रोमांचित करेंगे।
30 लाख की लागत और 60 फीट ऊंचाई
करीब 30 लाख रुपये खर्च कर बनाए गए इस पंडाल की ऊंचाई 60 फीट और चौड़ाई 150 फीट रखी गई है। अंदर का वातावरण युद्ध जैसा प्रतीत होगा और भक्तों को इसे पूरा घूमने में लगभग 10 मिनट लगेंगे। गुफानुमा हिस्से में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिनके पट महाअष्टमी पर 28 सितम्बर को खोले जाएंगे।
सुरक्षा और विशेष व्यवस्था
1968 से आयोजित हो रहे इस दुर्गोत्सव में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। महिला और पुरुषों के लिए अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रतिमा निर्माण का कार्य स्थानीय मूर्तिकार राम पाल ने किया है, जिससे यह आयोजन स्थानीय कला और संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। यह पंडाल श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक आस्था से जोड़ रहा है, बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास और शौर्य गाथा की जीवंत प्रस्तुति भी दे रहा है।