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रांची वाईबीएन डेस्क : राजधानी रांची में दुर्गा पूजा की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बारिश के बावजूद शहर के अलग-अलग इलाकों में पंडाल निर्माण और सजावट का काम जोर-शोर से जारी है। इस बार भी कई पूजा समितियां अपने अनोखे थीम और भव्य सजावट से श्रद्धालुओं को आकर्षित करने की तैयारी कर रही हैं।
कोकर समिति का ‘हवा महल और शीश महल’ पंडाल
कोकर दुर्गा पूजा समिति इस बार राजस्थानी कला पर आधारित पंडाल बना रही है। लगभग 40 लाख रुपये खर्च कर तैयार हो रहा यह पंडाल बाहर से हवा महल जैसा दिखेगा जबकि अंदर श्रद्धालु शीश महल जैसी चमक-दमक देख पाएंगे। जामताड़ा के कारीगर इरफान अंसारी और उनकी टीम इस पंडाल को साकार कर रहे हैं। समिति का मानना है कि यह पंडाल केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक भी होगा।
बांधगाड़ी समिति का भाईचारे का संदेश
बांधगाड़ी दुर्गा पूजा समिति हर साल अपनी थीम के लिए चर्चा में रहती है। इस बार ‘अनेकता में एकता’ संदेश को आधार बनाकर पंडाल सजाया जा रहा है। लगभग 50 लाख की लागत से बन रहे इस पंडाल में रोशनी और डिजाइनों का विशेष आकर्षण होगा। बूटी मोड़ से कोकर चौक तक की सड़क रंग-बिरंगी लाइटिंग से जगमगाएगी, जिससे श्रद्धालुओं को एक अनोखा अनुभव मिलेगा।
भीड़ और सुरक्षा पर प्रशासन की पैनी नजर
दशमी और अष्टमी पर दोनों पंडालों में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। इसके लिए समितियों ने साफ-सफाई, पेयजल और बैठने की व्यवस्था की है। ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस बल तैनात किया जाएगा और पंडालों के आसपास सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी। जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा और शांति बनाए रखने की विशेष योजना बनाई है।
त्योहार बनेगा आस्था और आकर्षण का संगम
रांची की दुर्गा पूजा धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ भव्य पंडालों और रोशनी का उत्सव भी है। इस बार कोकर और बांधगाड़ी की झलक देखने लायक होगी। श्रद्धालुओं को उम्मीद है कि ये थीम पंडाल राजधानी की सांस्कृतिक पहचान को और ऊंचाई देंगे।