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रांची वाईबीएन डेस्क : राजधानी रांची में इस बार दुर्गा पूजा का उत्सव 40 से 50 स्थानों पर पारंपरिक अंदाज में मनाया जाता है । जैसे हर साल होता है, इस वर्ष भी विजयादशमी के दिन मूर्ति विसर्जन का आयोजन मुख्य रहेगा। कई पूजा पंडाल 3 अक्टूबर को विसर्जन करेंगे। सबसे बड़ा विसर्जन आयोजन बड़ा तालाब में होगा, जबकि धुर्वा डैम और नामकुम स्थित स्वर्णरेखा नदी में भी विसर्जन होगा।
पूजा समितियों और वालंटियरों की भूमिका
रांची महानगर दुर्गा पूजा समिति के प्रतिनिधि राजीव रंजन ने बताया कि विसर्जन के समय सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा पूजा समितियों के साथ वालंटियरों पर भी होगा। उनका कहना है कि वालंटियर इस अवसर पर मुख्य भूमिका निभाएंगे ताकि सुरक्षित एवं व्यवस्थित विसर्जन सुनिश्चित हो सके।
नगर निगम की तैयारी
रांची नगर निगम ने मूर्ति विसर्जन के लिए व्यापक योजना बनाई है। बड़ा तालाब के मेन गेट पर सुरक्षा घेरा, क्रेन सुविधा, और सूचना बैनर लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से मूर्तियों का विसर्जन कर सकें। नगर निगम के प्रशासक सुशांत गौरव ने चडरी तालाब, जेल तालाब, बड़ा तालाब, जोड़ा तालाब और पीएचईडी तालाब का निरीक्षण कर विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा और स्वच्छता निर्देश
मूर्ति विसर्जन के 24 घंटे के भीतर अवशेष जल से निकालना अनिवार्य। चिन्हित स्थलों पर जलकुंड बनाकर बांस और ग्रीन नेट से घेराबंदी। गहरे क्षेत्रों में लाल रिबन और सूचना पट्ट का उपयोग। पूजा समितियों को केवल निर्धारित स्थानों पर विसर्जन और प्रदूषक सामग्री का उपयोग न करने का निर्देश। विसर्जन के बाद तालाबों की सफाई और पुनः स्वच्छता अभियान। नगर निगम प्रशासन इस बार सुरक्षा और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है, ताकि विजयादशमी उत्सव शांतिपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल हो।