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रांची के मोरहाबादी मैदान में दशहरा का भव्य आयोजन: 70 फीट रावण दहन, सोने की लंका, लेजर शो और आतिशबाजी से सजेगा आसमान

रांची के मोरहाबादी मैदान में 2 अक्तूबर को दशहरा का भव्य आयोजन होगा। 70 फीट का रावण, 65 फीट का कुंभकर्ण और 60 फीट का मेघनाद दहन का मुख्य आकर्षण रहेंगे। 30×30 फीट की सोने की लंका, चार विशाल हनुमान प्रतिमाएं, लेजर शो, रंगीन आतिशबाजी और देशभर के कलाकार इस आयो

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MANISH JHA
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रांची वाईबीएन डेस्क: राजधानी रांची का मोरहाबादी मैदान एक बार फिर विशाल दशहरा समारोह का केंद्र बनने जा रहा है। इस बार 2 अक्तूबर की शाम को आयोजित कार्यक्रम में 70 फीट का रावण, 65 फीट ऊँचा कुंभकर्ण और 60 फीट का मेघनाद धधकते हुए जलाए जाएंगे। सबसे आकर्षक नजारा होगा सोने की लंका, जिसे खास तौर पर 30×30 फीट में तैयार किया गया है। 

कारीगरों की मेहनत और आधुनिक तकनीक

 गया जिले से आई 21 शिल्पकारों की टोली ने पूरे एक महीने तक कठिन श्रम करके इन पुतलों को आकार दिया है। बांस, कागज और कपड़े से बने पुतलों को इस बार पूरी तरह वॉटरप्रूफ बनाया गया है ताकि मौसम की मार से कोई असर न पड़े। आयोजकों ने बताया कि दहन प्रक्रिया रिमोट कंट्रोल सिस्टम से की जाएगी, जो परंपरा और तकनीक का अनोखा मेल है। 

झांकियां, लेजर शो और बाहुबली हनुमान

आयोजन स्थल पर चार विशाल हनुमान प्रतिमाएं स्थापित होंगी, जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से लाई गई जीवंत रामलीला झांकियां रामायण की झलक दिखाएंगी। छह मिनट का लेजर शो रंगीन पटाखों की आतिशबाजी गूंजते साउंड इफेक्ट्स इन सबका संयोजन दर्शकों को भव्य अनुभव देगा।

दशहरा परंपरा का गौरवशाली इतिहास

रांची में रावण दहन की नींव 1948 में पड़ी थी, जब रांची कॉलेज परिसर में 10 फीट का छोटा रावण बनाया गया था। 1953 में इसे दिल्ली के अंदाज पर बड़ा रूप मिला। 1950 से 1955 तक खजुरिया तालाब (रेलवे स्टेशन क्षेत्र) में पुतले तैयार होते थे। 1960 से मोरहाबादी मैदान को स्थायी स्थल मान लिया गया और तभी से यहां यह आयोजन निरंतर हो रहा है। पंजाबी हिंदू समाज ने इसे और भव्य रूप दिया तथा मेघनाथ, कुंभकर्ण और सोने की लंका को भी शामिल किया। खर्च और गणमान्य व्यक्तियों की भूमिका इस वर्ष आयोजन पर लगभग 20 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रावण का वध करेंगे, पूर्व मंत्री सीपी सिंह मेघनाद का अंत करेंगे, 

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सांसद संजय सेठ कुंभकर्ण का वध करेंगे।

 देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकारों में कोलकाता और मुंबई की टीमों का प्रदर्शन खास रहेगा। आतिशबाजी का जिम्मा मुंबई-कोलकाता की पायरो फायर वर्क्स और बिहार के बक्सर की टीम के पास है। 

रांची वासियों में उमंग

हर साल की तरह इस बार भी लाखों लोग मैदान में जुटेंगे। लोग उत्सुक हैं कि किस तरह 70 फीट का रावण लेजर शो और पटाखों की गूंज के बीच धराशायी होगा और सदाचार की विजय का संदेश पूरे शहर में गूंजेगा।

Jharkhand cm hemant soren
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