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रांची, वाईबीएन डेस्क: राजधानी रांची के बहुचर्चित भूमि घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व उपायुक्त आईएएस अधिकारी छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान उन्हें कुछ कड़े निर्देशों के साथ जमानत प्रदान की है। छवि रंजन पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद थे। अदालत ने उनके लंबे हिरासत काल और जांच की प्रगति को देखते हुए यह निर्णय सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई सख्त शर्तें
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मंजूर करते हुए स्पष्ट किया कि छवि रंजन जमानत अवधि के दौरान किसी भी गवाह या सबूत को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। साथ ही, अदालत ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट की अनुमति के बिना झारखंड राज्य से बाहर नहीं जाएंगे। इसके अतिरिक्त, उन्हें हर सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट चाहे तो अपने विवेकानुसार बेल बॉन्ड और अन्य शर्तें तय कर सकता है।
पीएमएलए एक्ट के तहत चल रहा है मामला
छवि रंजन के खिलाफ मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज है। इस केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी खरीद-बिक्री में मिलीभगत की। ईडी की जांच में पाया गया कि रांची के बड़गाईं अंचल के बरियातु इलाके की जमीन को फर्जी रैयत दिखाकर रजिस्ट्री कराई गई थी। इस भूमि की बिक्री से जुड़े दस्तावेजों में कई स्तरों पर हेरफेर के प्रमाण मिले थे।
ईडी ने कई आरोपियों पर की थी कार्रवाई
इस केस में छवि रंजन के अलावा व्यवसायी विष्णु अग्रवाल, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली, इम्तियाज खान, तल्हा खान, फैयाज खान, मो. सद्दाम, अमित अग्रवाल और दिलीप घोष आरोपी बनाए गए हैं। ईडी ने जांच के दौरान कई संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त (अटैच) किया और करोड़ों रुपये की अवैध लेन-देन की जानकारी हासिल करने का दावा किया था। पहले खारिज हुई थीं याचिकाएं छवि रंजन ने पहले PMLA कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट में जमानत की याचिका दाखिल की थी, लेकिन दोनों अदालतों ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए राहत प्रदान की। अदालत ने कहा कि लंबी न्यायिक हिरासत और ट्रायल की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए उन्हें सशर्त बेल दी जा रही है।
लैंड स्कैम में कई बड़े खुलासे
ईडी की जांच में सामने आया था कि जिस जमीन पर सेना का कब्जा था, उसे निजी व्यक्तियों के नाम पर बेचने की साजिश रची गई। फर्जी कागजात तैयार किए गए और अधिकारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की गई। जांच एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से सरकारी और रक्षा संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। कई बार छापेमारी के दौरान ईडी को फर्जी दस्तावेजों और संपत्ति से जुड़े लेनदेन के प्रमाण मिले थे।
अब आगे की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद अब छवि रंजन की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि उन्हें अदालत की सभी शर्तों का पालन करना होगा। ट्रायल कोर्ट में अगली पेशी पर उनकी मौजूदगी अनिवार्य होगी। वहीं, इस फैसले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मामले के अन्य आरोपी भी जमानत के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं। ईडी फिलहाल केस की फाइल कोर्ट में प्रस्तुत कर रही है और संपत्ति से जुड़ी लेनदेन की जांच जारी है।