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रांची वाईबीएन डेस्क : स्वास्थ्य विभाग में टेंडर प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर गंभीर अनियमितताओं के साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा है कि उपलब्ध दस्तावेज़ यह बताते हैं कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की अनदेखी कर कुछ खास कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया।
पारदर्शिता पर उठे सवाल
मरांडी ने कहा कि यह मामला केवल आर्थिक गड़बड़ी नहीं बल्कि शासन के संवैधानिक सिद्धांतों पर भी प्रश्नचिन्ह है। ऐसे में निष्पक्ष और समयबद्ध जांच आवश्यक है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
एक ही परिवार की कंपनियां बनीं विजेता
पत्र में आरोप लगाया गया कि एक ही परिवार ने तीन अलग-अलग कंपनियां खड़ी कीं और सभी टेंडर इन्हीं को दे दिए गए। मरांडी का दावा है कि बिना मंत्री के संरक्षण के यह संभव ही नहीं था।
नियमों को ताक पर रखा गया
जेम पोर्टल की नियमावली के अनुसार एक व्यक्ति की दो या अधिक कंपनियां बिडिंग में हिस्सा नहीं ले सकतीं। बावजूद इसके इन्हीं कंपनियों को तकनीकी रूप से योग्य घोषित कर टेंडर सौंप दिए गए।
मंत्री पर सीधा निशाना
मरांडी ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पूरे खेल को संरक्षण दिया और अपने नज़दीकी लोगों को अनुचित फायदा पहुंचाया।
11 टेंडरों पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने जिन 11 टेंडरों का हवाला दिया है, वे दुमका, रांची, जामताड़ा, बोकारो, देवघर और सरायकेला-खरसावां जिलों से जुड़े हुए हैं। सभी टेंडर इन्हीं तीन कंपनियों को मिले।
आरोपों की सूची
सभी टेंडर केवल तीन कंपनियों को दिए गए। तीनों का पता एक ही – इरगू रोड, पहाड़ी टोला, रांची। निदेशक एक ही परिवार के सदस्य। दरें मामूली अंतर से तय की गईं। चौथी कंपनी को हमेशा तकनीकी आधार पर बाहर कर दिया गया। कंपनियों को भुगतान वास्तविक दर से अधिक। नियमावली का खुला उल्लंघन।