/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/08/1759901532091-2025-10-08-11-02-28.jpeg)
रांची, वाईबीएन डेस्क : रांची नगर निगम कार्यालय में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को इन दिनों लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। चार हजार से अधिक आवेदन अब तक लंबित हैं और हर दिन करीब 50 नए आवेदन जुड़ रहे हैं। इस वजह से नागरिकों को महीनों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। निगम कार्यालय में आवेदकों की भारी भीड़ लग गई है और कई लोग शिकायत करते हैं कि उन्हें बार-बार निगम का चक्कर लगाना पड़ता है। प्रशासन का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया में देरी के पीछे दस्तावेज़ों की जांच, कर्मचारियों की कमी और बैकलॉग की समस्या है।
नए रजिस्ट्रार ने लिया संकल्प
नगर प्रशासक ने हाल ही में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रजिस्ट्रार के पद पर बदलाव किया है। निहारिका तिर्की को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही लंबित आवेदन की समीक्षा शुरू कर दी है। उनका कहना है कि नागरिकों को प्रमाण पत्र समय पर मिलना चाहिए और इसके लिए सभी फाइलों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दस्तावेज़ों की जांच में तेजी लाई जाए और प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। निगम का दावा है कि जल्द ही लंबित आवेदन निपटाए जाएंगे और ऑनलाइन प्रणाली से नागरिकों को सुविधा मिलेगी।
ऑनलाइन सुविधा से मिलेगी राहत
रांची नगर निगम ने अपनी वेबसाइट पर आवेदन स्टेटस देखने की सुविधा उपलब्ध कराई है। अब आवेदक अपने टोकन नंबर से ऑनलाइन स्टेटस देख सकते हैं। इससे लोगों को बार-बार कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निगम ने कहा है कि आवेदन में कोई त्रुटि पाए जाने पर आवेदक को एसएमएस के जरिए सूचित किया जाएगा। यह सुविधा पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने में मदद करेगी। कई नागरिकों ने इस सुविधा की सराहना की है।
प्रक्रिया और दस्तावेज़
अस्पताल में जन्म दर्ज होने पर संबंधित अस्पताल सीधे नगर निगम को सूचना भेज देता है। ऐसे मामलों में प्रमाण पत्र 21 दिनों के भीतर जारी हो जाता है। अगर जन्म अस्पताल में दर्ज नहीं हुआ है तो आवेदन नगर निगम कार्यालय में जमा करना होता है। आवेदन के साथ माता-पिता का आधार कार्ड और पांच वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्कूल से बोनाफाइड प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। दस्तावेज़ों की जांच के बाद आवेदन एसडीओ कार्यालय भेजा जाता है। एसडीओ की मंजूरी मिलने पर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाता है। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल का दस्तावेज या ग्राम प्रधान का सत्यापन आवश्यक है। अगर अस्पताल रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है तो आंगनबाड़ी केंद्र सत्यापन करता है।
आगे की योजना
निगम प्रशासन ने कहा है कि बैकलॉग को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। नए रजिस्ट्रार ने फाइल मूवमेंट की गति तेज करने के लिए टीम बनाई है। आगामी महीनों में ऑनलाइन प्रक्रिया को पूर्ण करने की योजना है। निगम का दावा है कि जनवरी 2026 तक सभी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र डिजिटल माध्यम से उपलब्ध होंगे। इससे न केवल समय बचेगा बल्कि नागरिकों की सुविधा भी बढ़ेगी। प्रशासन ने आवेदकों से धैर्य बनाए रखने और प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की है।