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रांची वाईबीएन डेस्क : राजधानी रांची के लिए इस बार की नवरात्रि बेहद खास होने वाली है। नौ साल बाद एचईसी परिसर स्थित रामलीला मैदान में एक बार फिर रामलीला का मंचन होगा। उत्तर प्रदेश के सीतापुर और हरदोई के प्रमुख कलाकार इस रामलीला का अभिनय करेंगे। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
आर्थिक संकट से थमी थी परंपरा
रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष कमल ठाकुर ने बताया कि एचईसी दशकों तक रामलीला का आयोजन करता था। विजय दशमी समारोह समिति 1967 से इसकी परंपरा निभा रही थी। लेकिन 2012 में एचईसी ने खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए आर्थिक सहयोग बंद कर दिया। इसके बाद स्थानीय निवासियों और युवाओं ने 2015 तक रामलीला का मंचन जारी रखा। धन की कमी के कारण मंचन बंद करना पड़ा और बड़े पर्दे पर रामानंद सागर की रामायण दिखाकर परंपरा को जीवित रखा गया।
दर्शकों का रहा बड़ा उत्साह
कमल ठाकुर ने याद किया कि पहले एचईसी की बसें धुर्वा और सेक्टर से लोगों को रामलीला मैदान तक लाती थीं और मंचन के बाद उन्हें वापस छोड़ती थीं। मंचन बंद होने के बावजूद हर साल लोग बड़ी संख्या में प्रोजेक्टर पर रामायण देखने पहुंचते रहे।
आने वाली पीढ़ी को जोड़ने का प्रयास
समिति अध्यक्ष ने बताया कि इस बार बैठक कर तय किया गया कि आने वाली पीढ़ी को रामलीला से अनभिज्ञ नहीं होने दिया जाएगा। इसलिए फिर से लाइव मंचन की शुरुआत की जा रही है। समिति के कोषाध्यक्ष पिकलू चटर्जी ने कहा कि भले ही एचईसी से आर्थिक सहयोग नहीं मिला, लेकिन वहां होने वाले हर कार्यक्रम की जानकारी उन्हें दी जाती है। स्थानीय निवासियों ने भी रामलीला मंचन की वापसी पर खुशी जताई और कहा कि युवा पीढ़ी को पहली बार इसे देखने का अवसर मिलेगा।
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